फुटबॉल के रोमांच ने उतारा क्रिकेट का बुखार
इसमें कोई दो राय नहीं हमारे देश में क्रिकेट ही एक ऐसा खेल है जिसे पसंद करने वालों की संख्या सबसे अधिक है लेकिन भगवान की तरह इस खेल को लेकर समर्पित खेल प्रेमियों को आज फुटबॉल ने मात दे दी है। रूस में चल रहे फीफा वर्ल्ड कप के रोमांच ने लोगों के जहन से क्रिकेट की जगह फुटबॉल को बिठा दिया है। यही वजह है कि लोग युवा वर्ग व स्कूल के विद्यार्थियों में फुटबॉल खेलने की रुचि पैदा हो गई है। जिन पार्कों में बच्चे क्रिकेट खेला करते थे आज वहां फुटबॉल की मस्ती देखने को मिल रही है। फुटबॉल के रोमांच क्रिकेट के असर को कहीं न कहीं फीका कर दिया है।
By JagranEdited By: Updated: Thu, 05 Jul 2018 08:52 PM (IST)
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली :
इसमें कोई दो राय नहीं, हमारे देश में क्रिकेट को पसंद करने वालों की संख्या सबसे अधिक है, लेकिन इस खेल को लेकर समर्पित खेलप्रेमियों को आज फुटबॉल ने मात दे दी है। रूस में चल रहे फीफा वर्ल्ड कप के रोमांच ने लोगों के जेहन से क्रिकेट की जगह फुटबॉल को बिठा दिया है। यही वजह है कि युवा वर्ग व स्कूल के विद्यार्थियों में फुटबॉल खेलने की रुचि पैदा हो गई है। जिन पार्को में बच्चे क्रिकेट खेलते थे आज वहां फुटबॉल की मस्ती देखने को मिल रही है। फुटबॉल के रोमांच ने क्रिकेट के असर को कहीं न कहीं फीका कर दिया है। अखबार की सुर्खियों से लेकर टीवी के बदलते हुए चैनलों के बीच लोग फुरसत के पलों में क्रिकेट की जगह फुटबॉल मैच के परिणाम और अपने पसंदीदा टीमों के प्रदर्शन के बारे में जानने को उत्सुक दिखाई देते हैं। स्कूल से छूटते ही बच्चे पार्क में फुटबॉल लेकर पहुंच जाते हैं। बारिश की बूंदों के साथ मिट्टी में फुटबॉल खेलना उन्हें अलग ही आनंद देते हैं। वे अपने पसंदीदा फुटबॉल खिलाड़ी लियोनेल मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो की तरह गोल करना चाहते हैं।
उत्तरी दिल्ली के पीतमपुरा, प्रशांत विहार, शालीमार बाग व केशवपुरम से लेकर अशोक विहार, रोहिणी के अलग-अलग सेक्टर व अन्य इलाकों के पार्को में इन दिनों युवाओं का फुटबॉल खेलना देखा जा रहा है, जो इस बात की ओर इशारा करते हैं कि अब फुटबॉल भी क्रिकेट की ही तरह लोगों का पसंदीदा खेल बन रहा है। क्रिकेट में चल रहे भारत-आयरलैंड सीरिज पर लोगों का ध्यान कम और फीफा वर्ल्ड कप की गतिविधियों पर अधिक है। हालांकि फुटबॉल प्रेमी विश्व कप में अर्जेटीना, जर्मनी व पुर्तगाल जैसी टीमों के बाहर होने की वजह से दुखी भी हैं। इस बीच हॉकी चैंपियनशिप में भारतीय टीम को उत्साहित करते हुए टीम के फाइनल में पहुंचने पर खुशी भी जताई। इस तरह अब खेल में वैरायटी के साथ युवाओं में क्रिकेट के अलावा दूसरे खेलों में रुझान देखने को मिल रहा है, जो अच्छी बात है। इस बदलाव में सोशल मीडिया का भी बड़ा योगदान है जहां हर पल फुटबॉल, हॉकी और अन्य खेलों के बारे में लोगों को जानकारियां मिल रही हैं। कुछ दिन पूर्व भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री के वीडियो ने भी फुटबॉल के प्रति लोगों की दिलचस्पी को बढ़ा दिया है। फुटबॉल रोमांच से भरा खेल है। कुछ दिनों में भारतीय फुटबॉल टीम की रैं¨कग बढ़ी है। उम्मीद है कि जल्द अपने देश की टीम भी विश्व कप में हिस्सा ले सकेगी। हमारे युवाओं में क्षमता है, बस उन्हें सुविधाओं और अवसर की आवश्यकता है। उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए।
विकास मलिक, इंजीनियर। मैं रोनॉल्डो का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। उनका खेल औरों से अलग होता है। भारतीय टीम को भी विश्व कप में खेलते हुए देखना चाहता हूं। क्रिकेट में केवल 10 देशों की टीमें ही हैं, जबकि फुटबॉल में 34 टीमें खेलती हैं। यह काफी रोमांचक है।
-धनंजय, स्कूल छात्र। फुटबॉल जुनून से भरा हुआ खेल है। यह खेल टीम वर्क का है, जिसमें पूरी टीम का बराबर योगदान रहता है। अब तक इस खेल के महाकुंभ में भारतीय टीम नहीं पहुंच सकी है, लेकिन एक दिन ऐसा जरूर आएगा जब हम अपने देश की टीम का उत्साह बढ़ाएंगे। -आकाश बिष्ट, छात्र।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।