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हंगामे के बीच दिल्ली सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित

जागरण संवाददाता,नई दिल्ली : दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की सदन की बैठक शुक्रवार को हंगामेदार रही। ह

By JagranEdited By: Updated: Fri, 27 Jul 2018 09:37 PM (IST)
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हंगामे के बीच दिल्ली सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित

जागरण संवाददाता,नई दिल्ली : दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की सदन की बैठक शुक्रवार को हंगामेदार रही। हंगामे के बीच भाजपा ने दिल्ली सरकार से बकाया फंड न मिलने पर दिल्ली सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया व सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की नेता सदन कमलजीत सहरावत ने कहा कि दिल्ली सरकार निगम का हक मार रही है, जिसका उद्देश्य निगम को पंगु बनाना है। इसलिए सदन ने निंदा प्रस्ताव पारित किया है। उन्होंने कहा कि बड़े दुर्भाग्य की बात है कि दिल्ली सरकार राजनीति से प्रेरित होकर निगम को उसके हिस्से का पैसा जारी नहीं कर रही है। स्वच्छता को लेकर दिल्ली सरकार ने अपने बजट में कई मदों का फंड भी बंद कर दिया है। सहरावत ने कहा कि दिल्ली सरकार की मंशा खराब है। बॉक्स

बच्चियों की मौत के मामले में केजरीवाल के खिलाफ हुई नारेबाजी पूर्वी दिल्ली के मंडावली में तीन बच्चियों की हुई मौत का मामला शुक्रवार को दक्षिणी निगम की सदन की बैठक में भी गर्माया। भाजपा पार्षदों ने दिल्ली सरकार के खिलाफ पहले तंज कंसे फिर बाद में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नारेबाजी की। भाजपा पार्षदों का कहना था कि दिल्ली सरकार गरीब लोगों की तरफ ध्यान नहीं दे रही है, जिसकी वजह से तीन बच्चियों की मौत हुई है। स्थायी समिति की अध्यक्ष शिखा रॉय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से बच्चियों की मौत के मामले में इस्तीफा देने की मांग की। रॉय ने कहा कि देश की राजधानी में बच्चियों की मौत भूख से होना दुर्भाग्यपूर्ण है, इसलिए केजरीवाल को अब नैतिक रूप से मुख्यमंत्री रहने का अधिकार नहीं है। राजेश पायलट के नाम पर सड़क का नाम न रखने पर कांग्रेस ने किया हंगामा सदन की बैठक में शुक्रवार को इतना हंगामा हुआ कि दोपहर दो बजे शुरू हुई बैठक तीन बजे ही खत्म हो गई। कांग्रेस पार्षदों ने निगम द्वारा सड़क का नाम राजेश पायलट रखने से इन्कार करने पर हंगामा किया। कांग्रेस नेता अभिषेक दत्त ने आरोप लगाया कि कुछ सड़कों के नाम ऐसे लोगों के नाम पर रख दिए गए जो कंबल बांटते थे या गौसेवा करते थे। जबकि राजेश पायलट के नाम से सड़क का नाम रखने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि निगम ने पत्र लिखकर कहा कि वह राजेश पायलट नाम से सड़क का नाम नहीं रख रहे हैं, क्योंकि सड़कों का नाम महापुरूषों के नाम पर ही रखा जाता है। कांग्रेस दल के नेता अभिषेक दत्त ने इसे एक जाति विशेष के लोगों का अपमान बताया। हालांकि, महापौर नरेंद्र चावला ने कहा कि वह राजेश पायलट के नाम से सड़क का नाम रखने पर पुर्नविचार करेंगे। जोन उपायुक्त के तबादले का मुद्दा फिर उठा

स्थायी समिति के बाद सदन की बैठक में भी नजफगढ़ जोन के उपायुक्त रहे विश्वेंद्र के तबादले का मुद्दा उठा। आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने महापौर के आसन के समक्ष आकर इसको लेकर जवाब मांगा। इसके साथ ही जोन चेयरमैन मुकेश सूर्याण के इस्तीफे की मांग की। इसके पलटवार में भाजपा पार्षदों ने मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मुख्यममंत्री आवास में हुई मारपीट का मुद्दा उठाते हुए दिल्ली सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। बता दें कि पिछले दिनों नजफगढ के जोन उपायुक्त विश्वेंद्र का तबादला कर शिक्षा निदेशक बना दिया गया था। चर्चा थी जोन चेयरमैन मुकेश सूर्याण के दबाव में उनका तबादला हुआ है।

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