पेड़ों की पत्तियों की ओट में छिप गए दिशासूचक बोर्ड
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : उपनगरी द्वारका में वाहनों को ट्रैफिक नियमों को पालन करने में पर
By JagranEdited By: Updated: Sat, 28 Jul 2018 05:16 PM (IST)
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : उपनगरी द्वारका में वाहनों को ट्रैफिक नियमों को पालन करने में परेशानी हो रही है। उपनगरी में अनजान लोगों को सही दिशा नहीं मिल रही है। हालांकि, हर चौराहे के पहले बीच-बीच में पैदल जाने वाले यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर ट्रैफिक लाइटें लगाई गई हैं। चूंकि, बारिश की वजह से पेड़ों की टहनियां झुक गई हैं और पत्तियों की ओट में ट्रैफिक लाइटें छिप गई हैं। ऐसे में वाहन सवारों को नहीं दिख रही है। इस बीच ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को बीच सड़क में हाथ देते देखकर ठिठक जाना पड़ रहा है। जहां-जहां दिशासूचक बोर्ड लगे हैं वे भी इन पेड़ों की झुरमुट में ओझल हो गई है। ऐसे में वाहन चालकों को सही दिशा की पहचान नहीं हो पाती। वे गलतफहमी में आगे निकल जा रहे हैं। एक दो किलोमीटर दूर निकल जाने के बाद जब उन्हें दिशा का ज्ञान होता है तब उन्हें वापस आने के लिए रास्ता ढूंढ़ना पड़ रहा है।
ऐसे तो दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए)उप नगरी द्वारका में पेड़ों की छंटाई नियमित तौर पर करता रहा है। इस वजह से सड़क किनारे एक कतार से खड़े इन पेड़ों की सुंदरता भी देखने लायक होती है। बारिश के बाद पेड़ों की टहनियां फैल गई हैं। चूंकि, अधिकांश पेड़ फुटपाथ पर हैं, जिसके आसपास से लोग पैदल भी निकलते हैं, लेकिन पिछले दिनों से लगातार हो रही है। बारिश की वजह से पेड़ों की कमजोर टहनियां टूटकर लटक गई हैं। कुछ पेड़ आड़े टेढ़े हो गए हैं। कुछ उखड़ने के कगार पर पहुंच गए हैं। इस वजह से पूरे फुटपाथ पर पैदल चलना आसान नहीं रह गया। जानकारों का कहना है कि डीडीए एक साल में एक बार पेड़ों की छंटाई करता है। चूंकि, बारिश से काफी पहले ही पेड़-पौधों की छंटाई हो जाती है। इसलिए पेड़ों की टहनियां व तने काफी बढ़ जाते हैं। ऐसे में डीडीए को दिशासूचक बोर्ड की जगह बदल देनी चाहिए। चूंकि, ट्रैफिक लाइटों को हटाना संभव नहीं है। ऐसे में इनकी जगह पेड़ों की लगातार छंटाई करनी चाहिए, ताकि वाहन सवारों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
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