पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर खुलेगा एम्स का राष्ट्रीय कैंसर संस्थान
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन 25 दिसंबर को झज्जर स्थित एम्स में निर्माणाधीन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान देश को समर्पित होगा।
By Amit MishraEdited By: Updated: Sat, 28 Jul 2018 08:25 PM (IST)
नई दिल्ली [जेएनएन]। देश में कैंसर की अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अमेरिका की तर्ज पर झज्जर स्थित एम्स में निर्माणाधीन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआइ) को जल्द शुरू करने की तैयारी जोरों पर चल रही है। बुनियादी ढांचा तैयार होने को है। इस बात को ध्यान में रखते हुए एम्स में एनसीआइ के लिए डॉक्टरों की नियुक्ति प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। ताकि इसे मरीजों के लिए खोलने में ज्यादा विलंब न होने पाए।
कैंसर पीड़ितों को मिलेगी अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधापूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन 25 दिसंबर को यह देश को समर्पित होगा। एनसीआइ के शुरू होने से कैंसर पीड़ितों को अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा मिल पाएगी। उन्हें इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। एम्स के कैंसर सेंटर व एनसीआइ के प्रमुख डॉ. जीके रथ ने कहा कि एनसीआइ के शुभारंभ के लिए 25 दिसंबर की तारीख तय की गई है। वैसे तो एनसीआइ में 710 बेड की सुविधा होगी पर पहले चरण में ओपीडी सेवा शुरू की जाएगी। इसके साथ-साथ मरीजों को भर्ती करने के लिए 250 बेड शुरू किए जाएंगे।
सबसे बड़ा चिकित्सा संस्थानएक बार एनसीआइ में मरीजों का इलाज शुरू हो जाने के बाद सुविधाएं धीरे-धीरे बढ़ाई जाएंगी। यह कैंसर के इलाज के लिए सरकारी क्षेत्र का सबसे बड़ा चिकित्सा संस्थान होगा। जहां मरीजों के इलाज के अलावा चिकित्सा शोधों पर भी जोर दिया जाएगा।
अमेरिका के एनसीआइ से एम्स का समझौताउल्लेखनीय है कि एम्स के कैंसर सेंटर में 200 बेड हैं। मरीजों की भीड़ अधिक होने के कारण रेडियोथेरपी के लिए उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ता है। यही वजह है कि झज्जर स्थित एम्स के परिसर में 2035 करोड़ की लागत से एनसीआइ का निर्माण किया जा रहा है। स्वास्थ क्षेत्र में यह केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। इसका अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि एनसीआइ में बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने अमेरिका के एनसीआइ से एम्स का समझौता कराया है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि
एनसीआइ को इस महीने जुलाई में ही शुरू करने का लक्ष्य था पर निर्माण में देरी के कारण शुरू नहीं हो पाया। एम्स प्रशासन इसे शुरू करने में और अधिक विलंब नहीं चाहता। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार भी इस परियोजना को जल्द पूरा कर आगामी चुनाव से पहले एनसीआइ को स्वास्थ्य क्षेत्र में अपनी बड़ी उपलब्धि के रूप में पेश करना चाहेगी।
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