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पर्यावरण संरक्षण पर विकास पड़ रहा भारी

-जीडीपी के बढ़ती दर को सही नही मानते पर्यावरण विशेषज्ञ -हैदराबाद में दो दिवसीय सम्मेलन में जताइ

By JagranEdited By: Updated: Sat, 28 Jul 2018 10:28 PM (IST)
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पर्यावरण संरक्षण पर विकास पड़ रहा भारी

-जीडीपी के बढ़ती दर को सही नही मानते पर्यावरण विशेषज्ञ

-हैदराबाद में दो दिवसीय सम्मेलन में जताई गई चिंता

संजीव गुप्ता, हैदराबाद: आइआइटी भुवनेश्वर में वायुमंडलीय विज्ञान के सहायक प्रोफेसर डॉ. विनोज वी का कहना है कि विकास की अंधी दौड़ पर्यावरण संरक्षण पर भारी पड़ रही है। विडंबना यह है कि जीडीपी चूंकि विकास कायरें से ही बढ़ती है, इसलिए सरकारें भी इन्हें प्राथमिकता देती हैं। ऐसे में हमें सतत विकास को बढ़ावा देना होगा।

डॉ. विनोज हैदराबाद के एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ कॉलेज ऑफ इंडिया में जलवायु परिवर्तन पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन शुक्रवार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण में हानिकारक गैसों के कारण सूरज का रेडिएशन बढ़ रहा है। इसी से तापमान बढ़ रहा है। इस कारण नमी कम होती जा रही है। इससे मानसून ही नही, सारा मौसम चक्र प्रभावित होगा। उन्होंने यह भी कहा कि तापमान में वृद्धि भले ही थोड़ी नजर आती हो, लेकिन उसके प्रभाव दूरगामी होते हैं।

तेलंगाना सरकार में उद्योग एवं वाणिज्य निदेशक विजय जायसवाल ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की बात हो रही है, लेकिन इसका पॉजिटिव परिणाम तभी आएगा जब पुलिंग संस्कृति को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने ई वाहनों के लिए बिजली और लोड प्रबंधन की जरूरत पर भी बल दिया। इसके लिए बिजली के टीओडी (टाइम ऑफ डे) टैरिफ पर काम करना होगा। यानी अलग-अलग समय पर बिजली की दर भी अलग होनी चाहिए।

कार्यशाला निदेशक राजकिरण वी बिलोलिकर ने कहा कि वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था 3.4 फीसद सालाना की दर से बढ़ रही है जबकि पर्यावरण के लिए यह खतरे का संकेत है। 2040 तक विश्व की आबादी भी 7.4 बिलियन से बढ़कर 9 बिलियन हो जाएगी। उन्होंने इस स्थिति में सुधार के लिए लक्ष्यबद्ध एक्शन प्लान बनाने और उसके सख्ती से क्रियान्वन पर भी बल दिया। कार्यशाला को ग्लोबल ट्रेंड्स की निदेशक आरती खोसला ने भी संबोधित किया।

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