बिना रिजर्वेशन और टिकट के रेलवे रेस्त्रां में परिवार व दोस्तों के साथ होगी मौज-मस्ती
बेकार कोच में लोग उठा सकेंगे लजीज व्यंजन का लुत्फ। रेलवे को होगी कमाई, लोगों को मिलेंगे रोजगार के अवसर। नए रूप व रंग में ढालकर कोच बनाए जाएंगे आकर्षक।
By Amit SinghEdited By: Updated: Sun, 29 Jul 2018 10:14 AM (IST)
नई दिल्ली (संतोष कुमार सिंह)। जल्द ही लोगों को रेल थीम पर बने रेस्तरां में लजीज व्यंजन का लुत्फ उठाने का मौका मिलेगा। रेल प्रशासन ने पुराने व बेकार पड़े कोच में रेल थीम पर रेस्तरां खोलने का फैसला किया है। रेलवे बोर्ड ने सभी रेलवे जोन को अपने यहां इसकी संभावना तलाशने को कहा है। बोर्ड का मानना है कि इससे एक ओर जहां रेलवे का प्रचार प्रसार होगा, वहीं लोगों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।
बकौल रेल प्रशासन, जिस तरह से लोग हेरिटेज पार्क और रेल संग्रहालय में जाते हैं, उसी तरह वे रेल थीम वाले रेस्तरां को भी पसंद करेंगे। इससे रेलवे की आमदनी बढ़ेगी और बेकार पड़े कोच का सदुपयोग होगा। इस पर गंभीरता से काम किया जाएगा और विशेषज्ञों की भी सेवा ली जाएगी। रेलवे अधिकारी भोपाल स्थित शान-ए-भोपाल का उदाहरण देते हैं। उनका कहना है कि यह रेस्तरां काफी लोकप्रिय है। इसी तरह के और प्रयोग करने की जरूरत है। इससे देश के अन्य हिस्सों में भी आम जनता को परिवार व दोस्तों के साथ ट्रेन रेस्तरां में जायके का लुत्फ उठाने का मौका मिलेगा।
रेलवे बोर्ड ने सभी जोन को प्रस्ताव तैयार करने को कहा है। प्रस्ताव बनने के बाद आर्किटेक्ट और खानपान के क्षेत्र में काम करने वाली एजेंसियों को साथ में जोड़ा जाएगा। पुराने कोच को नए रूप रंग में ढालकर उसे आकर्षक बनाया जाएगा। कोच को इस तरह से तैयार किया जाएगा कि आने वाले लोगों को रेलवे से संबंधित रोचक व महत्वपूर्ण जानकारी भी मिल सकेगी। इसमें स्थानीय संस्कृति की भी झलक दिखेगी। सबसे खास बात यह है कि इसमें दिव्यांगों की सुविधाओं का भी ध्यान रखा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि गत दिसंबर में भारतीय रेलवे ने अपने आठ रॉयल सैलून को निजी होटल मालिकों और टूर ऑपरेटरों को 25 सालों के लिए लीज पर देने की घोषणा की थी। अधिकारियों का कहना है कि विश्व की कई एजेंसियों ने इसमें रुचि दिखाई हैं। आमदनी बढ़ाने और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पर्यटन ट्रेन चलाने सहित कई और ओं पर भी काम किया जा रहा है।
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