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12 और गायों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, घुम्मनहेड़ा गोशाला को बंद करने की तैयारी

दिल्ली की गोशाला में गायों की संदिग्ध परिस्थितियों में हो रही मौत, कई सवाल खड़े कर रही है। इन गोशाला के प्रबंधन पर भी लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं।

By Amit SinghEdited By: Updated: Sun, 29 Jul 2018 12:10 PM (IST)
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12 और गायों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, घुम्मनहेड़ा गोशाला को बंद करने की तैयारी
नई दिल्ली (बिरंचि सिंह)। घुम्मनहेड़ा गोशाला में गायों की रहस्यमयी मौतों का सिलसिला जारी है। गोशाला में पांच दिनों में 36 गायों की मौत के बाद शनिवार को 12 और गायों ने दम तोड़ दिया। सूत्रों की मानें तो अब इस गोशाला से सभी गायों को धीरे-धीरे स्थानांतरित कर इसे बंद करने की योजना सरकार बना रही है। शनिवार को कुछ गायों को सुरहेड़ा स्थित श्रीकृष्ण गोशाला में भेज दिया गया। दो चार दिन के भीतर सभी गायों को अन्य गोशालाओं में स्थानांतरित किया जाना तय है।

इस घटना के बाद गोशाला का संचालन अपने हाथ में लेने का ख्वाब देख रही आचार्य सुशील मुनि ट्रस्ट को गहरा झटका लगा है। पिछले पांच वर्षो से गोशाला में गायों की मौत हो रही है। गोशाला की पहले से ही स्थिति बदहाल थी। इसी कारण दो साल पहले दिल्ली सरकार के अधिकारी ने आचार्य सुशील मुनि ट्रस्ट से गोशाला के संचालन के अधिकार लेकर घुम्मनहेड़ा ग्रामीण समिति को दे दिया था। हालांकि उस अधिकारी का तबादला लखनऊ कर दिया गया।

सूत्र बताते हैं कि एक बार फिर अधिकारी आचार्य सुशील मुनि ट्रस्ट को घुम्मनहेड़ा की कमान देने का मन बना रहे थे। चूंकि घुम्मनहेड़ा गोशाला 20 एकड़ में फैली हुई है और ट्रस्ट की नजर यहां की जमीन पर भी थी। इसलिए ट्रस्ट गोशाला के लिए कोशिश भी कर रहा था। इसी बीच गायों की मौत के मामले से स्थिति बदल गई। दिल्ली सरकार के आला अधिकारियों ने गायों को दूसरी गोशाला में स्थानांतरित करने का दिशा निर्देश जारी किया है।

एक ही गोशाला में 18000 गायों की हो चुकी है मौत

दक्षिणी दिल्ली के सुशील मुनी गोशाला में करीब 36 गायों की मौत का मामला सामने आने के बाद इस संबंध में चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। निगम के ही आंकड़े के मुताबिक, पिछले पांच सालों में एक ही गोशाला में 18 हजार गायों की मौत हो चुकी है। दिल्ली में पांच गोशालाएं संचालित होती हैं, इन गोशालाओं में गायों की देखभाल में हो रही लापरवाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सिर्फ एक गोशाला में ही हर वर्ष दो हजार गायें दम तोड़ रही हैं। जानकारों के मुताबिक, दिल्ली में हर साल दस हजार से ज्यादा गायों की मौत हो रही है। वर्ष 2012 से पहले एकीकृत निगम में गोशालाओं में गाय की मौत के आंकड़े भी इसकी पु्ष्टि करते हैं।

इस आंकड़े के अनुसार, सुल्तानपुर डबास स्थित श्रीकृष्ण गोशाला में वर्ष 2012-13 में 1659 गायों की मौत हुई थी जबकि वर्ष 2013-14 में 2146, वर्ष 2014-15 में 2954, वर्ष 2015-16 में 4522, वर्ष 2016-17 में 3373 और वर्ष 2017-18 में 3830 गाएं मर गईं। निगम के आंकड़ों के मुताबिक, एकीकृत निगम के समय वर्ष 2007 में पांच गोशालाओं में 17677 गायें थीं। इनमें से 8686 गायों की मौत हो गई थी। इसी तरह वर्ष 2008 में 24591 गायें थीं, इनमें 17727 गायों की मौत हो गई थी। वर्ष 2009 में 20203 गायें थीं जिनमें से 12617 गायों की मौत हो गई। वर्ष 2010 में 21382 गायें थीं जिनमें 12790 गायों की मौत हो गई।

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