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रंगदारी मांग रहे सुंदर भाटी के दो गुर्गे गिरफ्तार, अब शिकायतकर्ता जांच के घेरे में

ओखला बैराज पुलिस चौकी के पास वाहनों से होती है अवैध वसूली, पुलिस ने रंगदारी का केस किया दर्ज।

By Amit SinghEdited By: Updated: Sun, 29 Jul 2018 01:27 PM (IST)
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रंगदारी मांग रहे सुंदर भाटी के दो गुर्गे गिरफ्तार, अब शिकायतकर्ता जांच के घेरे में
नोएडा (जेएनएन)। ओखला बैराज पुलिस चौकी के पास वाहनों से अवैध वसूली कर रहे संचालकों से सुंदर भाटी गैंग के गुर्गे उगाही के फेर में थे। गैंग के दो सदस्यों को कोतवाली सेक्टर 39 पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस गिरफ्तारी के बाद पुलिस कार्रवाई पर कई सवाल भी खड़े हुए हैं।

वाहनों से वसूली करने वाले किसके लिए और किसकी इजाजत पर रकम ले रहे थे, इसका जवाब पुलिस नहीं दे पा रही है। मीडिया में यह मसला उछलने पर केस दर्ज होने के डेढ़ माह बाद जिलाधिकारी व संभागीय परिवहन विभाग को पत्र लिखकर वसूली की जांच की मांग की है। हालांकि, एआरटीओ व जीएसटी विभाग ने किसी को भी वाहनों से वसूली का लाइसेंस देने से इन्कार किया है। साथ ही केस दर्ज कराने वाले को पहचानने से भी मना किया है।

इस तरह से हो रही वाहनों से अवैध वसूली

दिल्ली के सरिता विहार के रहने वाले लक्ष्मण सिंह ने डेढ माह पहले रंगदारी मांगने की शिकायत कोतवाली सेक्टर 39 में दर्ज कराई थी। कोतवाली सेक्टर 39 पुलिस का कहना है कि लक्ष्मण दिल्ली बॉर्डर पर सेक्टर-95 स्थित फर्नीचर मार्केट में ऑनलाइन जीएसटी जमा करते हैं। यहां अपनी इच्छा से वाहन चालक आकर जीएसटी जमा करवाते हैं। उनका आरोप था कि ग्रेटर नोएडा के घंघोला निवासी बृजेश उर्फ बिल्लू और राहुल उर्फ सत्ते भाटी रंगदारी मांग रहे हैं। आरोपित सुंदर भाटी गैंग के सक्रीय सदस्य बता रहे हैं और हर महीने 20 हजार रुपये की मांग कर रहे हैं। रंगदारी न देने पर आरोपी जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। लक्ष्मण ने आरोप लगाया है कि रंगदारी का विरोध करने पर आरोपितों ने उनके ऑफिस में घुस कर लैपटॉप आदि तोड़ दिया और मारपीट की।

गिरफ्तारी के बाद खुली पोल

बिल्लू और सत्ते की गिरफ्तारी के बाद इस धंधे की पोल खुली। जिसमें पता चला कि बाहर से आने वाले कॉमर्शियल वाहनों से ओखला बैराज पर हो रही वसूली अवैध है। वाहन चालकों को यूपी में एंट्री व जीएसटी के नाम पर फर्जी चालान व रसीद दिए जाते हैं। यह भी पता चला कि पहले इस काम को बलराज भाटी गैंग के लोग कर रहे थे। बलराज भाटी की मौत के बाद इस धंधे को लक्ष्मण नाम के व्यक्ति ने हाथ में ले लिया। जिससे सुंदर भाटी गैंग वसूली करना चाह रहा था। लक्ष्मण के अवैध वसूली की जानकारी पुलिस अधिकारियों को मीडिया से हुई, जिसके बाद वह सक्रिय हुए।

पुलिस के बदलते बयान, विभागों का इन्कार

कोतवाली सेक्टर 39 पुलिस ने पहले बताया कि लक्ष्मण वाहनों से यूपी एंट्री की वसूली करते थे। फिर थोड़ी देर बाद बताया कि वह जीएसटी की वसूली करते हैं। हालांकि, एआरटीओ व जीएसटी विभाग ने किसी को भी वाहनों से वसूली का लाइसेंस देने से साफ इन्कार किया है।

पुलिस अब वसूली की जांच में जुटी

एसपी सिटी अरूण कुमार सिंह के अनुसार ऑनलाइन जीएसटी वसूलने का काम करने वाले लक्ष्मण सिंह ने रंगदारी मांगने और ऑफिस में घुस कर मारपीट व तोड़फोड़ करने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। उसकी शिकायत पर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। अब पुलिस इसकी जांच करेगी कि लक्ष्मण सिंह किसकी अनुमति से वाहनों से टैक्स वसूली कर रहा था।

उधर एआरटीओ प्रवर्तन प्रशांत तिवारी का कहना है कि विभाग की तरफ से नोएडा में किसी व्यक्ति को टैक्स वसूलने की अनुमति नहीं दी गई है। मेरी जानकारी शासन स्तर से भी इस तरह की अनुमति किसी को नहीं दी गई है। यदि कोई टैक्स वसूल रहा है, तो यह मेरे संज्ञान में नहीं है। जीएसटी के ज्वाइंट कमीश्नर डीके दुबे ने भी बताया कि जीएसटी में किसी तरह का रोड साइड टैक्स वसूली की व्यवस्था ही नहीं है। माल खरीद-बिक्री पर टैक्स लिया जाता है। साथ ही सर्विस पर टैक्स लगता है। जीएसटी विभाग की तरफ से किसी को भी टैक्स जमा करने या वसूलने की इजाजत या लाइसेंस नहीं दिया गया है।

एक महीने में बिल्लू बन गया 25 हजार का इनामी

लक्ष्मण सिंह की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर आरोपितों की तलाश की जा रही थी। लेकिन आरोपित हाथ नहीं आ रहे थे। इस पर एसएसपी ने मुख्य आरोपित बिल्लू पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। शनिवार सुबह पुलिस बॉटनिकल गार्डन बस अड्डे पर चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान बिल्लू और सत्ते को पुलिस ने दबोच लिया। आरोपितों से दो तमंचा बरामद हुआ है।

सुंदर भाटी गैंग को खत्म करने में जुटी पुलिस

जेल में बंद कुख्यात सुंदर भाटी गिरोह की कमर तोड़ने के लिए पुलिस ने विशेष रणनीति तैयार की है। शामली के मुकीम काला गिरोह की तरह सुंदर भाटी गिरोह का जड़ से खात्मा किया जाएगा। एसएसपी डा. अजयपाल शर्मा ने सुंदर भाटी गिरोह के गांवों में फैले जाल को तोड़ने के निर्देश थाना प्रभारियों को दिए हैं। फैक्ट्रियों में स्क्रैप के ठेके, व्यापरियों से रंगदारी, फिरौती, सरिया चोरी, पार्किग व टोल टैक्स पर अवैध वसूली में गिरोह शामिल है।

अवैध धंधों के जरिये सुंदर ने गांवों के अपराधी किस्म के युवाओं को गिरोह जोड़ लिया है। पुलिस ने इनके नामों की सूची तैयार कर ली है। पिछले एक सप्ताह के अंदर सुंदर भाटी गिरोह के पांच बदमाशों को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। एसएसपी अजयपाल शर्मा ने खास रणनीति के तहत गिरोह की कमर तोड़ने के लिए उसे आर्थिक रूप खत्म करने की योजना बनाई है। जिले के अलावा भाटी गिरोह के पांच बदमाश दो सप्ताह पहले गाजियाबाद में भी पकड़े गए थे जो कि रंगदारी व फिरौती लेकर हत्या करते थे।

जिले के एसएसपी डा. अजय पाल शर्मा ने एसएसपी शामली रहते हुए कुख्यात मुकीम काला गैंग का सफाया किया था। अब उन्होंने सुंदर भाटी गिरोह की कमर तोड़ने के लिए पूरी योजना तैयार कर ली है। इसके तहत एक गोपनीय बैठक भी पिछले दिनों की गई। जिसमें केवल उन्हीं पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया जिनको गिरोह की कमर तोड़ने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

सरिया चोरी रोकना चुनौती

सुंदर भाटी गिरोह लंबे समय से सरिया चोरी के काम में सक्रिय है। सुंदर के प्रतिद्वंदी रविंद्र नागर को पुलिस ने बीते दिनों सरिया चोरी के मामले में जेल भेजा था। पुलिस सरिया चोरी रोकने के लिए अब सुंदर के गुर्गों की तलाश में जुट गई है। एसएसपी के अनुसार सुंदर भाटी गिरोह की कमर तोड़ने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पिछले एक सप्ताह में गिरोह के पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है। सभी गिरोह के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी रहेगी।

छोड़ दी फौज की नौकरी

गिरफ्तार आरोपी बिल्लू फौज में सिपाही रह चुका है। वह 2003 में नागपुर में फौज में भर्ती हुआ था। उसने 10 साल तक नौकरी की। इसके बाद 2012 में फौज की नौकरी से इस्तीफा दे दिया और सुंदर भाटी गैंग में शामिल हो गया। इसके बाद से वह गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर कारोबारियों को डरा धमका कर रंगदारी वसूल रहा था।

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