Move to Jagran APP

बारिश ने सब कुछ धो डाला, दाग भी और दावे भी

बारिश से प्रदूषण स्तर घटकर अच्छे स्तर पर पहुंचा। स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है ये मौसम। कुछ दिन ऐसा ही रहेगा पर्यावरण।

By Amit SinghEdited By: Updated: Sun, 29 Jul 2018 03:12 PM (IST)
Hero Image
बारिश ने सब कुछ धो डाला, दाग भी और दावे भी
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली-एनसीआर में दो दिन हुई भारी बारिश ने सब कुछ धो डाला। फिर चाहे वह मानसून से निपटने के सरकारी दावें और तैयारियां हो या प्रदूषण। एक तरफ जहां दावों की पोल खुल गई, वहीं दूसरी तरफ बारिश से दिल्ली का पर्यावरण खराब से घटकर अच्छे स्तर पर पहुंच गया है। इस वक्त दिल्ली में प्रदूषण का स्तर मानक से भी कम है। दिल्ली में ऐसा बहुत कम ही देखने को मिलता है। पर्यावरण वैज्ञानिकों के मुताबिक अगले कुछ दिनों तक दिल्ली की आबोहवा इसी तरह साफ बनी रहेगी। मतलब आप दिल्ली में खुलकर सांस ले सकते हैं।

बारिश की वजह से एक तरफ लोगों को जलभराव की वजह से घंटों जाम का सामना करना पड़ा। सड़क पर जगह-जगह हुए गड्ढे अगले कई दिनों तक लोगों को परेशान करेंगे। कुछ लोगों को बारिश की वजह से जान तक गंवानी पड़ गई। वहीं दिल्ली एनसीआर के खस्ताहाल मकानों में रह रहे सैकड़ों लोगों को अपने घर से बेघर होना पड़ा। इमारतें ढहने या क्षतिग्रस्त होने से बहुत से लोगों का आशियाना हमेशा के लिए छिन गया है। इस बदहाली ने सरकारी तंत्र की तैयारियों, दावों और भ्रष्टाचार की पोल खोल कर रख दी है। इससे ये भी साफ हो गया कि जिस स्तर पर अभी तैयारियां की जा रही हैं, वह बहुत कम हैं।

वहीं दूसरी तरफ इस बारिश की सबसे अच्छी बात ये है कि बारिश ने दिल्ली एनसीआर की हवा को भी धोकर साफ कर दिया है। बारिश की वजह से पर्यावरण में मौजूद हानिकारक गैसें और धूल के कण छंट गए हैं। इस वजह से पर्यावरण में मौजूद धूल के कण (पीएम-2.5 और पीएम-10) सामान्य स्तर से भी घट गए हैं। मतलब दिल्ली की हवा साफ-सुथरी ही नहीं खुल कर सांस लेने लायक और स्वास्थ्य के लिए लाभदायक भी हो गई है।

 

केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों में बारिश की वजह से शनिवार को दिल्ली के वातावरण में पीएम-2.5 की मात्रा 21, जबकि एनसीआर में 39 क्यूबिक प्रति घन मीटर रिकॉर्ड की गई। 60 क्यूबिक प्रति घन मीटर तक पीएम-2.5 की मात्रा को सामान्य माना जाता है। इसी तरह पीएम-10 की मात्रा दिल्ली में 32 और एनसीआर में 39 दर्ज की गई। 100 क्यूबिक प्रति घन मीटर तक पीएम-10 की मात्रा को सामान्य माना जाता है। साफ है कि पूरे दिल्ली-एनसीआर में बारिश की वजह से वातावरण काफी साफ है। एनसीआर के अन्य शहरों के मुकाबले दिल्ली की हवा सबसे बेहतर है।

एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसएएफएआर) के वैज्ञानिकों के अनुसार दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 43 पर दर्ज किया गया है। 0 से 50 के बीच एक्यूआई को अच्छा, 51 से 100 को संतोषजनक, 101 से 200 को मध्यम, 201-300 को खराब, 301-400 को बहुत खराब और 401 से 500 को स्वास्थ्य के लिए गंभीर माना जाता है।

पर्यावरण वैज्ञानिकों के अनुसार अगले कुछ दिनों तक दिल्ली की हवा इसी तरह साफ बने रहने की उम्मीद है। हालांकि मानसून खत्म होने के बाद सितंबर और अक्टूबर माह में हरियाणा व पंजाब समेत आसपास के राज्यों में पराली जलाने पर फिर से प्रदूषण का स्तर गंभीर स्तर पर पहुंच सकता है। मालूम हो क मई में भी दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण स्तर अलग-अलग स्थानों पर खराब और बहुत खराब स्तर पर था। साल के ज्यादातर महीनों में दिल्ली का वातावरण खराब या मध्यम स्तर पर ही रहता है। इस वजह से दिल्ली को विश्व के सबसे प्रदूषित मेट्रो शहर का स्थान भी मिल चुका है, जो कि बारिश की वजह से कुछ समय के लिए धुल गया है। हालांकि ये स्थिति बहुत ज्यादा समय तक बरकरार नहीं रहेगी।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।