चार वर्षो से बंद है पांच ब्लॉकों का निर्माण, कहां स्थानांतरित करें अस्पताल
केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने लेडी हार्डिग मेडिकल कॉलेज के सुचेता कृपलानी अस्पताल के भवन को खतरनाक घोषित कर दिया है लेकिन कॉलेज प्रबंधन नहीं समझ पा रहा कि वह मरीजों को कहां ले जाए। कॉलेज की विस्तार परियोजना करीब चार वर्षो से अधर में है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से संबंधित संसदीय समिति की सिफारिशें भी काम नहीं आई और अब तक परियोजना पर दोबारा काम शुरू नहीं हो पाया है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने लेडी हार्डिग मेडिकल कॉलेज के सुचेता कृपलानी अस्पताल के भवन को खतरनाक घोषित कर दिया है लेकिन कॉलेज प्रबंधन नहीं समझ पा रहा कि वह मरीजों को कहां ले जाए। कॉलेज की विस्तार परियोजना करीब चार वर्षो से अधर में है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से संबंधित संसदीय समिति की सिफारिशें भी काम नहीं आई और अब तक परियोजना पर दोबारा काम शुरू नहीं हो पाया है।
उल्लेखनीय है कि लेडी हार्डिग मेडिकल कॉलेज व उससे जुड़े अस्पतालों (कलावती शरण और सुचेता कृपलानी अस्पताल) को नए सिरे से विकसित करने की योजना है। पहले फेज में कॉलेज के विस्तार के लिए वर्ष 2012 में पाच ब्लॉकों का निर्माण कार्य शुरू किया गया था। इसमें कैंसर सेंटर, इमरजेंसी ब्लॉक, ओपीडी, आइपीडी व एकेडमिक ब्लॉक शामिल हैं। इस परियोजना को 586.49 करोड़ रुपये की लागत से जून 2014 में पूरा करना था लेकिन जिस कंपनी को निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी वह फंड से संबंधित विवाद के कारण बीच में ही काम छोड़ गई। निर्माण कार्य में विलंब व टेंडर आवंटन की शर्तो के उल्लंघन के आरोप में सरकार ने उस कंपनी पर कार्रवाई भी की लेकिन बंद परियोजना पर दोबारा काम शुरू नहीं हो पाया। वर्ष 2014 से ही निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है। इस मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर परियोजना पर दोबारा काम शुरू करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से गुहार लगा चुके हैं। इसके अलावा संसदीय समिति कई बार अपनी रिपोर्ट में लेडी हार्डिग मेडिकल कॉलेज की विस्तार परियोजना पर दोबारा काम शुरू करने और उसे जल्दी पूरा करने की सरकार से सिफारिश कर चुकी है।