खाली कराए घर, टेंट में दिया आसरा
यमुना में लगातार बढ़ रहे जलस्तर के कारण पूर्वी जिला प्रशासन ने रविवार को बाढ़ संभावित इलाकों में रह रहे लोगों से घर खाली करवाए। कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्हें यह डर सता रहा था कि घर खाली कर दिया तो उनके सिर से छत छीन जाएगी। यहां पर दोबारा अपना आशियाना नहीं बना पाएंगे। लोगों को जिला प्रशासन व दिल्ली पुलिस के अधिकारियों और सिविल डिफेंस वालंटियर्स ने समझाया कि यहां रहने से उनकी जान को खतरा हो सकता है।
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली : यमुना में लगातार बढ़ रहे जलस्तर के कारण पूर्वी जिला प्रशासन ने रविवार को बाढ़ संभावित इलाकों में घरों को खाली कराया। कई लोग घर खाली करने से इन्कार कर रहे थे, लेकिन जिला प्रशासन व दिल्ली पुलिस के अधिकारियों और सिविल डिफेंस वालंटियर्स ने उन्हें खतरे की जानकारी देकर समझाया। इसके बाद वे घर का सारा सामान और मवेशियों को लेकर सुरक्षित स्थान पर गए। प्रशासन की ओर से ऐसे लोगों के लिए सुरक्षित जगहों पर अस्थायी टेंट लगाए गए हैं और प्रशासन व सामाजिक संस्थाओं की तरफ से उन्हें भोजन दिया जा रहा है।
एडीएम अजय कुमार और एसडीएम अजय अरोड़ा, अरुण गुप्ता, टीसी शर्मा सहित प्रशासन के कई अधिकारी सूरज उगने से पहले ही बाढ़ संभावित इलाकों में पहुंच गए थे। एडीएम अजय कुमार ने बताया कि मुनादी कर लोगों को सावधान किया जा रहा है और मोटर बोर्ड के जरिए भी अधिकारी यमुना का जायजा ले रहे हैं। वहीं, एसडीएम अजय अरोड़ा ने कहा कि जो लोग टेंट में रह रहे हैं, उन्हें प्रशासन सुविधाएं दे रहा है। यमुना किनारे सिविल डिफेंस के वालंटियर्स तैनात हैं और किसी को यमुना के पास जाने नहीं दिया जा रहा है। एसडीएम अरुण गुप्ता ने कहा कि वह खुद उन इलाकों में जाकर निरीक्षण कर रहे हैं, जो बाढ़ संभावित क्षेत्र है। ऐसे इलाकों में रहने वाले सभी लोगों से घर खाली करवा लिए गए हैं। उधर, शास्त्री नगर स्थित जिलाधिकारी कार्यालय में ¨सचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग का कंट्रोल रूम बनाया गया है। यहां से 24 घंटे स्थिति की जानकारी दी जा रही है। ----