मुख्यमंत्री ने फाड़ दी एलजी द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट
राज्य ब्यूरो,नई दिल्ली : राजधानी में सीसीटीवी कैमरे लगाने को लेकर सुझाव देने के लिए उपराज्
By JagranEdited By: Updated: Sun, 29 Jul 2018 11:10 PM (IST)
राज्य ब्यूरो,नई दिल्ली : राजधानी में सीसीटीवी कैमरे लगाने को लेकर सुझाव देने के लिए उपराज्यपाल द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित सम्मेलन के दौरान फाड़ दी। केजरीवाल ने उपराज्यपाल को चुनौती देते हुए कहा कि लोगों की सुरक्षा के लिए लगाए जा रहे सीसीटीवी कैमरों के बारे में कोई भी निर्णय लेने का अधिकार सिर्फ दिल्ली की जनता के पास है। इसमें उपराज्यपाल (एलजी), दिल्ली पुलिस और भाजपा वालों का कोई काम नहीं है।
दिल्ली भर में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए लोगों की राय जानने को आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाएं अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। सीसीटीवी कैमरे लगने से चोर-उचक्कों के मन में डर पैदा होगा। उन्होंने कहा कि हम पिछले तीन सालों से इस योजना को लागू करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हमें काम नहीं करने दिया जा रहा। अप्रैल-मई में सीसीटीवी कैमरे लगाने का ठेका बीईएल कंपनी को मिल जाता, लेकिन उपराज्यपाल ने एक कमेटी बनाकर प्रक्रिया रोक दी। उपराज्यपाल द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट दिखाते हुए केजरीवाल ने कहा कि इसमें लिखा गया है कि सीसीटीवी लगाने के लिए पुलिस से लाइसेंस लेना पड़ेगा। पुलिस से हथियारों के लाइसेंस तो दिए नहीं जाते, सीसीटीवी कैमरे के लाइसेंस कैसे देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्को की देखभाल के लिए भी सरकार धन देगी। सम्मेलन में विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, लोक निर्माण विभाग के मंत्री सत्येंद्र जैन और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जय¨हद ने भी अपने विचार रखे।
3 जी और 4जी से कनेक्ट होंगे कैमरे और सर्वर
इस योजना के तहत 70 विधानसभाओं में 1.40 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। एक विधानसभा में 2000 कैमरे लगेंगे। कैमरे और इनका सर्वर 2जी,3जी और 4जी तथा जीपीआरएस से जुड़ा होगा। इनमें 30 दिन की रिकॉर्डिग होगी। कोई खराबी आने पर इसकी सूचना अपने आप रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) के अध्यक्ष और लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर के पास पहुंच जाएगी।
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