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रकबर के बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाएगी केरल की मुस्लिम लीग पार्टी

महापंचायत में मांग उठी कि रकबर के परिजनों को 50 लाख रुपये मुआवजा मिले और उसकी विधवा को सरकारी नौकरी दी जाए। पैरवी के लिए 40 सदस्यीय कमेटी बनी।

By Amit SinghEdited By: Updated: Mon, 30 Jul 2018 04:37 PM (IST)
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रकबर के बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाएगी केरल की मुस्लिम लीग पार्टी
नूंह/मेवात (जेएनएन)। उन्मादी हिंसा में मारे गए रकबर के बच्चों और परिजनों के लिए मदद के हाथ उठने लगे हैं। केरल की मुस्लिम लीग पार्टी ने पीड़ित परिवार की जिम्मेदारी उठाने का फैसला लिया है। मुस्लिम लीग पार्टी रकबर के सात बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा मुहैया कराएगी। जब तक रकबर के बच्चे पढ़ना चाहेंगे, उन्हें मुस्लिम लीग के खर्चे पर ही हॉस्टल व बेहतर स्कूल की सुविधा दी जाएगी। यही नहीं पीड़ित परिवार को नया घर भी दिया जाएगा। मुस्लिम लीग की टीम ने परिजनों को समझाया कि दिल्ली, अलीगढ़ व केरल के जिस स्कूल में वे अपने बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं, उसकी जानकारी उन्हें दें। मुस्लिम लीग पार्टी अपने खर्चे पर उनके बच्चों को नि:शुल्क प्राइमरी से लेकर उच्च कक्षा तक की शिक्षा ग्रहण कराएगी। इसके लिए टीम ने पीड़ित परिवार को दो दिन का समय भी दिया है।

रकबर के परिजनों को दिए जाएं 50 लाख

राजस्थान में उन्मादी हिंसा (मॉब लिंचिंग) में मौत के घाट उतारे गए रकबर (अकबर) हत्याकांड को लेकर रविवार को कोलगांव में महापंचायत हुई। महापंचायत में यह मांग उठी कि रकबर के परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा मिले और उसकी विधवा को सरकारी नौकरी दी जाए। इस बैठक में जिले के सभी राजनीतिक व सामाजिक संगठनों के लोग एक मंच पर आए। सभी ने अपने-अपने राजनीतिक दलों से अलग हटकर मामले में आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्मादी हिंसा से बिगड़ रहे भाईचारे को बनाए रखने की तमाम कोशिशों पर भी विस्तृत चर्चा हुई। महापंचायत में राजस्थान सरकार और पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान उठाते हुए आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई। पंचायत में रामगढ़ के विधायक ज्ञानदेव आहूजा व पुलिस को सूचना देने वाले नवल किशोर की भूमिका की जांच करने और उन पर कार्रवाई की भी मांग हुई।

पैरवी के लिए कमेटी गठित

रकबर हत्याकांड की पैरवी के लिए ग्रामीणों ने अपने स्तर पर 40 सदस्यीय कमेटी बनाई है। कमेटी में राजनेता नहीं हैं। महापंचायत के बाद लोगों ने राजस्थान सरकार के समक्ष आठ सूत्रीय मांग पत्र रखा। कमेटी के माध्यम से इस मांग पत्र को सरकार तक पहुंचाया जाएगा।

पति के गम में बार-बार बेहोश हो जाती हैं असमीना

रकबर उर्फ अकबर की हत्या के बाद पूरा परिवार गमजदा है। रकबर की पत्नी घटना के बाद से बार-बार बेहोश हो रही हैं। बच्चे भी अपने पिता को खोने के बाद से ही पीड़ा में हैं। सात बच्चों में तीन बच्चे बीमार हैं। डेढ़ साल की बच्ची गंभीर रूप से बीमार हैं। इनका इलाज करवाने वाला फिलहाल कोई नहीं है। आलम ये है कि मासूम बच्चे अपने उस पिता की बाट जोह रहे हैं, जो उन्मादी भीड़ का शिकार हो चुका है। उन्हें शायद ही पता है कि उनके पिता कहां और कैसे मारे गए। अकबर की सबसे बड़ी लड़की 14 साल की है। वह अपने पिता को याद कर अपने छोटे भाई-बहन को संभाल रही है। पत्नी असमीना अपने पति की मौत को भूला नहीं पा रही हैं। वो इस समय एक कमरे में कैद होकर अपना जीवन बसर कर रही हैं। उनका लोगों के सामने आना मना है क्योंकि वह चार माह तक अपने घर में अपने पति की मौत के बाद इद्दत पर बैठी हुई हैं।

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