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मुश्किल में घिरी केजरीवाल सरकार, एक लाख और राशन कार्ड भी जांच के दायरे में

फर्जी राशन कार्ड पर कार्रवाई का दायर बढ़ रहा है। करीब एक लाख और राशन कार्ड निरस्त होने के रास्ते पर हैं। इन्हें जांच के दायरे में शामिल किया गया है।

By JP YadavEdited By: Updated: Tue, 31 Jul 2018 01:52 PM (IST)
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मुश्किल में घिरी केजरीवाल सरकार, एक लाख और राशन कार्ड भी जांच के दायरे में

नई दिल्ली (जेएनएन)। फर्जी राशन कार्ड पर कार्रवाई का दायर बढ़ रहा है। करीब एक लाख और राशन कार्ड निरस्त होने के रास्ते पर हैं। इन्हें जांच के दायरे में शामिल किया गया है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग इनका बारीकी से निरीक्षण भी कराएगा। विभाग फर्जी तरीके से बने 2.93 हजार राशन कार्डो को निरस्त करने का आदेश पहले ही दे चुका है। इन्हें मंगलवार (31 जुलाई) तक हर हाल में निरस्त कर मुख्यालय को रिपोर्ट देनी है। निरस्त किए जाने वाले एक-एक कार्ड का पूरा ब्योरा होगा।

सूत्रों का कहना है कि पहले चरण के 2.93 लाख कार्ड निरस्त करने की प्रक्रिया पूरी करने के बाद दूसरे चरण का काम शुरू होगा। इसमें करीब एक लाख राशन कार्ड शामिल हैं। उन्हें निरस्त करने के लिए जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा। ये वे कार्ड धारक हैं जो ई-पॉस सिस्टम लागू होने के बाद जनवरी व फरवरी में राशन लेने नहीं आए और लोगों की परेशानी को देखते हुए जब विभाग ने मार्च में मोबाइल पर ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) की सुविधा शुरू की तो राशन लेने आ गए।

ओटीपी में गड़बड़ी की शिकायत पर जब 18 मार्च को ई-पॉस से ओटीपी की सुविधा बंद कर दी गई तो पता चला कि दिल्ली भर में 46 हजार लोगों ने मोबाइल पर ओटीपी जारी कर राशन लिया है। इसमें 6860 लोगों को प्राथमिक तौर पर संदेहास्पद पाया गया है, जिसमें 2230 मामले ऐसे हैं कि एक मोबाइल नंबर पर कई-कई बार राशन जारी करा लिया गया।

एक मामले में एक मोबाइल नंबर पर 150 लोगों तक को राशन जारी किया गया है। पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार कहते हैं कि ई-पॉस सिस्टम से ही राशन वितरण में गड़बड़ी रुक सकती है, लेकिन इसमें मोबाइल पर जारी होने वाला ओटीपी बंद किया जाना चाहिए।

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