CBSE CTET 2018: टीचर बनने की चाह रखने वाले देशभर के लाखों लोगों के लिए जरूरी खबर
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कहा है कि 11वें संस्करण की सीटीईटी परीक्षा इस बार 22 भाषाओं में देशभर के 92 शहरों में आयोजित की जाएगी।
नई दिल्ली (जेएनएन)। केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) के लिए बुधवार से आवेदन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। अभ्यर्थी सीटीईटी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर 27 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं जबकि 30 अगस्त को दोपहर 3.30 बजे तक फीस जमा कर सकते हैं। परीक्षा की तिथि अभी घोषित नहीं की गई है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कहा है कि 11वें संस्करण की सीटीईटी परीक्षा इस बार 22 भाषाओं में देशभर के 92 शहरों में आयोजित की जाएगी। इस संबंध में विस्तृत जानकारी एक अगस्त को सीटीईटी की वेबसाइट पर उपलब्ध हो जाएगी। जिसमें आवेदन फीस, परीक्षा का पाठ्यक्रम, परीक्षा केंद्रों, भाषा आदि से संबंधित जानकारी होगी।
यहां पर बता दें कि CTET परीक्षा का मकसद अध्यापक की योग्यता को परखना होता है। यह परीक्षा हर वर्ष फरवरी और सितंबर महीने की में दो बार आयोजित की जाती है। इस परीक्षा में उम्मीदवार को पास होने के लिए 60फीसद से अधिक अंक प्राप्त करने होते हैं। यह परीक्षा पहली बार 2011 में आयोजित की गई थी।
इस परीक्षा में शामिल होने के लिए उम्मीदवार को सीनियर सेकेंडरी या उसके बराबर 50 फीसद अंक के साथ पास होना चाहिए। अथवा 2 साल का एलीमेंट्री एजुकेशन में डिप्लोमा होना चाहिए।
कक्षा 6 से 8 वीं के लिए शिक्षक बनने के लिए पात्रता मानदंड
जो भी उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदन कर रहा है वह स्नातक (ग्रेजुएट) होना चाहिए और साथ ही एलीमेंट्री एजुकेशन के 2 ईयर डिप्लोमा पास होना चाहिए या फिर उस में प्रवेश लिया होना चाहिए।
पहले की तरह अब सभी 20 भाषाओं में होगा सीटेट
शिक्षकों की योग्यता का निर्धारण करने के लिए आयोजित होने वाला सीटेट ( सेंट्रल टीचिंग एलिजबिलिटी टेस्ट) अब पहले की तरह सभी 20 भाषाओं में होगा।
सीबीएसई ने इसी साल से इससे 17 भाषाओं को हटा दिया था। लेकिन इसे लेकर दक्षिण भारतीय राज्यों के विरोध को देखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री ने पहले की तरह सभी 20 भाषाओं में कराने के निर्देश दिए है।
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने सोमवार को सीबीएसई को इसके निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि सीटेट की परीक्षा अभी तमिल, मलयालम, तेलगू, कन्नड़, गुजराती, बंगाली जैसी स्थानीय भाषाओं में अलग-अलग राज्यों में होती रही है। इस बार सीबीएसई ने इसे हिन्दी, अंग्रेजी और संस्कृत में कराने का फैसला लिया था।