ये हैं सोने से लदे गोल्डन बाबा, जानें- दर्जी से लेकर हिस्ट्रीशीटर तक का रोचक इतिहास
बाबा पहले दिल्ली के एक व्यवसायी थे और अब वह हर साल सावन के महीने कांवड़ यात्रा करते हैं। अब इन्हें गोल्डन बाबा के रूप में जाना जाता है।
नई दिल्ली (जेेएनएन)। व्यवसायी से बाबा बने गोल्डन बाबा दिल्ली के गांधीनगर थाने के हिस्ट्रीशीटर सुधीर उर्फ बिट्टू भगत हैं। वह इन दिनों वह कांवड़ यात्रा के चलते सुर्खियों में भी हैं। सोना पहनने के कारण चर्चा में रहने वाले जूना अखाड़े के महंत गोल्डन बाबा एक बार फिर कांवड़ लेकर हरिद्वार से रवाना हुए हैं। बताया जा रहा है कि इस बार गोल्डन बाबा करीब 17 किलो सोना लेकर रवाना हुए हैं। गोल्डन बाबा के मुताबिक, यात्रा पर करीब सवा करोड़ का खर्च आता है। पहली यात्रा में वह पांच किलो सोने के गहने पहनकर कांवड़ लाए थे।
गोल्डन बाबा गोल्डन पुरी महाराज के नाम से भी प्रसिद्ध हैं और बाबा बनने से पहले ये दिल्ली के व्यापारी थे। यहां उन्हें बिट्टू लाइट बाज़ के नाम से भी जाना जाता था, लेकिन बाबा का असली नाम सुधीर कुमार मक्कड़ उर्फ गोल्डन बाबा है। गोल्डन बाबा के ऊपर कई आपराधिक मामले भी दर्ज हैं। बताया जा रहा है कि वह दिल्ली के पुराने हिस्ट्रीशीटर रह चुके हैं। गोल्डन बाबा के विदेश भक्त भी है, जिनमें लड़कियां भी शामिल है।
सोने के गहनों से लदे रहते हैं बाबा
गहने पहनने का शौक रखने वाले 'गोल्डन बाबा' ने कांवड़ यात्रा के दौरान अपने शरीर पर करीब 17 किलो के गहने पहनेे हुुए हैं। इन गहनों की कीमत करोड़ों रुपये है। बाबा की गहने सोने के हैं। इसमें कीमती पत्थर जड़े हुए हैं। हाथों में कीमती अंगूठियां हैं।
जानकारी के मुताबिक, गोल्डन बाबा अपने भक्तों से नकदी की जगह सोना लेते थे। गोल्डन बाबा 2007 और फिर 2012 में प्रयाग में हुए कुंभ मेले में भी शामिल रहे हैं। वह चर्चा में तब आए जब 2007 में 25 लाख की फिरौती के लिए किए गए अपहरण के मामले में भी उनका नाम सामने आया था।
मीडिया में आई रिपोर्ट के मुताबिक, सुधीर उर्फ बिट्टू भगत के खिलाफ अपहरण और फिरौती समेत तरीबन 34 मामले विचाराधीन हैं। दिल्ली पुलिस के मुताबिक गोल्डन बाबा पर जबरन धन उगाही के भी आरोप हैं।
गोल्डन बाबा के चलते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी मुसीबत में पड़ चुके हैं। तकरीबन तीन साल पहले विधानसभा चुनाव के दौरान गोल्डन बाबा के साथ केजरीवाल की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी। इस लेकर केजरीवाल विरोधियों के निशाने पर आ गए थे। बताया जाता है कि गोल्डन बाबा की कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ भी फोटो है।
दिल्ली के गांधीनजर में करते थे दर्जी का काम
बताया जात है कि एक समय ऐसा था जब गोल्डन बाबा दिल्ली के गांधीनगर में ही दर्जी का काम करते थे। बाद वे हरिद्वार चले गए। कुछ दिनों बाद लौटे तो गांधीनगर में मंदिर बनवा दिया और धीरे-धीरे आश्रम का रूप देकर महंत बन बैठे। बाबा को जानने वाले बताते हैं दर्जी का काम तो कुछ ही समय तक किया और फिर प्रॉपर्टी काम भी काम किया।
दिल्ली से गायब हुए तो मिले हरिद्वार में
इन्हें करीब से जानने वाले लोग बताते हैं कि एक रोज अचानक ही बाबा गायब हो गए। भक्तों ने काफी तलाशा भी। बाद में पता चला कि वे हरिद्वार में जा बसे हैं, लेकिन तब तक वे बाबा नहीं बने थे।
बताया जाता है कि हरिद्वार से बाबा अचानक ही दिल्ली लौट आए और बाबा ने गांधीनगर में मंदिर बनवा लिया और धीरे-धीरे इसे आश्रम में बदल कर खुद इसके महंत के रूप में बैठने लगे।