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पहाड़गंज के होटल से 39 नेपाली लड़कियां छुड़ाई

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका व महरौली के बाद अब पहाड़गंज के होटल

By JagranEdited By: Updated: Wed, 01 Aug 2018 09:21 PM (IST)
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पहाड़गंज के होटल से 39 नेपाली लड़कियां छुड़ाई

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका व महरौली के बाद अब पहाड़गंज के होटल से 39 नेपाली लड़कियों को मुक्त कराया गया है। दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की सूचना पर मध्य जिला पुलिस ने मंगलवार देर रात कार्रवाई की। हालांकि, पुलिस को दिए बयान में इन लड़कियों ने अपनी मर्जी से नौकरी की तलाश में दिल्ली आने की बात कही है। ये लड़कियां अलग-अलग समय में हृदय इन होटल में ठहरने आई थीं। पुलिस को किसी एजेंट द्वारा युवतियों को दिल्ली लाने तथा मानव तस्करी से जुड़ा कोई सुबूत नहीं मिला है। पुलिस ने सभी युवतियों के बयान दर्ज कर नेपाली दूतावास को भी मामले से अवगत करा दिया है। पहाड़गंज थाना पुलिस ने अभी कोई केस दर्ज नहीं किया है।

उल्लेखनीय है कि सोमवार देर रात बनारस पुलिस की सूचना पर महरौली पुलिस ने मैदानगढ़ी से जिन 19 लड़कियों को बरामद किया था, उस मामले में भी दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया है। इस मामले में लड़कियों को बनारस में बहला फुसलाकर भगा ले जाने का मामला दर्ज है। बनारस पुलिस उन लड़कियों को अपने साथ लेकर चली गई।

डीसीपी मध्य जिला मंदीप सिंह रंधावा के मुताबिक, मंगलवार देर रात 12.15 बजे डीसीडब्ल्यू के हेल्पलाइन नंबर 181 से दिल्ली पुलिस कंट्रोल रूम को नेपाली लड़कियों के बारे में सूचना मिली। कॉल को मध्य जिला में ट्रांसफर कर दिया गया। कॉलर ने नाम गुप्त रखते हुए बताया कि मेन बाजार पहाड़गंज स्थित होटल केलसन में 100 नेपाली लड़कियां ठहरी हैं। हालांकि, पुलिस टीम को वहां तीन महिलाएं ठहरी मिलीं, जो नेपाल मूल की नहीं थीं। पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। इसी बीच करीब 1.30 बजे डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष स्वाति जय¨हद भी होटल केलसन पहुंच गई। उनके साथ नेपाल मूल का युवक भी था। बकौल पुलिस, उसी युवक की मुखबिरी पर स्वाति यहां पहुंची। स्वाति ने पुलिस को मेन बाजार पहाड़गंज स्थित होटल हृदय इन में नेपाली लड़कियों के ठहरे होने की बात कही। कुल 18 कमरों वाले इस होटल की तलाशी ली गई तो यहां से नेपाल मूल की 53 लड़कियां मिलीं। ये अलग-अलग तिथियों में रिश्तेदार या खास परिचितों के साथ होटल के अलग-अलग कमरे में ठहरी थीं। लड़कियों को उनके पहचान पत्र समेत अन्य दस्तावेजों के आधार पर ही कमरा मिला था। उन्हें नियमत: होटल में ठहराया गया था। डीसीपी का कहना है कि सभी की उम्र 20 से 40 साल के बीच है। जो नारी निकेतन जाना चाहेंगी उन्हें वहां भेज दिया जाएगा। ऐसे ही जो नेपाल जाना चाहेंगी तो दूतावास से मदद ली जाएगी। मेडिकल रिपोर्ट में यौन शोषण की बात सामने नहीं आई

हालांकि, 39 में से 14 लड़कियों ने पूछताछ के लिए थाने जाने से मना कर दिया। इसके बाद डीसीडब्ल्यू की टीम के साथ पुलिस सभी को पहाड़गंज थाने ले आई। वहां सभी के बयान दर्ज किए गए। चूंकि पुलिस की कार्रवाई में पहले मेडिकल कराने का प्रावधान है इसीलिए सभी को लेडी हार्डिग अस्पताल ले जाया गाया। यहां 21 लड़कियों व महिलाओं ने डॉक्टरों से लिखित में कहा कि वे मेडिकल नहीं कराएंगी। शेष 18 लड़कियां का मेडिकल कराया गया। मेडिकल रिपोर्ट में इनके साथ यौन शोषण नहीं होने की बात सामने आई। लड़कियों को खाड़ी देश भेजा जाना था: स्वाति

मामले में स्वाति जय¨हद का कहना है कि नेपाल के भूकंप प्रभावित क्षेत्रों से इन लड़कियों को नौकरी दिलाने के नाम पर मानव तस्कर दिल्ली लाए थे। इन्हें खाड़ी देश और श्रीलंका भेजा जाना था। एजेंट इन लड़कियों का होटल का बिल भर रहे थे।

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