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खैहरा के तेवर ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी नेतृत्व के लिए बढ़ाई परेशानी

AAP ने कुछ समय पहले पंजाब में नेता प्रतिपक्ष बदला था। पहले सुखपाल सिंह खैहरा के पास यह जिम्मेदारी थी। ऐसे में खैहरा के समर्थक नाराज हैं।

By JP YadavEdited By: Updated: Thu, 02 Aug 2018 09:01 AM (IST)
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खैहरा के तेवर ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी नेतृत्व के लिए बढ़ाई परेशानी
नई दिल्ली (वीके शुक्ला)। पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से हटाए गए आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रभावशाली विधायक सुखपाल सिंह खैहरा ने पार्टी की मुसीबत बढ़ा दी है। खैहरा ने 2 अगस्त को बठिंडा में पार्टी नेतृत्व की मर्जी के बगैर सम्मेलन बुलाया है। खैहरा का दावा है कि सम्मेलन में पार्टी के आधे से अधिक विधायक शामिल होंगे। इसे देखते हुए आप नेतृत्व तनाव में है। दिल्ली के राम मनोहर अस्पताल में इलाज करा रहे पार्टी के पंजाब से सांसद भगवंत मान से बुधवार को केजरीवाल की मुलाकात को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।

दरअसल, बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और AAP से राज्यसभा सदस्य संजय सिंह भगवंत मान को देखने अस्पताल गए थे। अस्पताल में 40 मिनट तक बातचीत हुई। बताया जा रहा है कि इन नेताओं की मान के साथ पंजाब में उपजे सियासी संकट को लेकर चर्चा हुई है।

सूत्रों की मानें तो मान ने सुझाव दिया है कि पंजाब को लेकर कोई भी आक्रामक कार्रवाई से पार्टी को ही नुकसान होगा। इसलिए सोच-समझकर कदम उठाया जाए। मान से मुलाकात के बाद मनीष सिसोदिया ने खैहरा को लेकर कोई सीधा जवाब नहीं दिया। एक तरफ पार्टी स्पष्ट कर चुकी है कि पंजाब में नेता प्रतिपक्ष के पद से अब हरपाल सिंह चीमा को नहीं हटाया जाएगा और जो भी इस मामले में बात करेगा, अनुशासनहीनता मानते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

वहीं, दूसरी तरफ पार्टी के कई विधायक खैहरा को फिर से पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। दिल्ली में दो दिन पहले इस मुद्दे पर मनीष सिसोदिया के घर पर हुई बैठक में पंजाब के AAP विधायकों और सिसोदिया के बीच गरमागरमी भी हुई बताई जा रही है।

मनीष सिसोदिया ने खैहरा और अन्य विधायकों से 2 अगस्त को बठिंडा में प्रस्तावित सम्मेलन को रद करने के लिए कहा था मगर पंजाब के विधायकों ने ऐसा करने से मना करते हुए मनीष सिसोदिया को भी सम्मेलन के लिए आमंत्रित कर दिया था। 2 अगस्त के सम्मेलन को खैहरा के समर्थन में शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है।

बता दें कि AAP ने कुछ समय पहले पंजाब में नेता प्रतिपक्ष बदला था। पहले सुखपाल सिंह खैहरा के पास यह जिम्मेदारी थी। अब उनके स्थान पर नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा को बनाया गया है। ऐसे में खैहरा के समर्थक नाराज हैं। यदि सम्मेलन में AAP विधायक व नेता पहुंचेंगे तो इसे पार्टी विरोधी गतिविधि माना जाएगा। उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है।

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