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सही राम ही नहीं AAP के कई विधायक हैं 'गलत', 49 विधायकों के दामन हैं दागदार

मनोज तिवारी ने AAP विधायक सहीराम को बर्खास्त करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि AAP का चाल, चरित्र और चेहरा दिल्लीवासियों के सामने उजागर होता जा रहा है।

By JP YadavEdited By: Updated: Thu, 02 Aug 2018 09:43 AM (IST)
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सही राम ही नहीं AAP के कई विधायक हैं 'गलत', 49 विधायकों के दामन हैं दागदार
नई दिल्ली (जेएनएन)। आम आदमी पार्टी (AAP) के तुगलकाबाद से विधायक सहीराम को युवक पर धारदार हथियार से हमले के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद सूबे में एक बार फिर AAP सरकार को लेकर सवाल उठने लगे हैं। केजरीवाल की अगुआई वाली इस पार्टी में दबंगई करने वाले विधायकों की कमी नहीं है। आंकड़ों पर गौर करें तो इस पार्टी में 49 विधायक हैं, जिनके खिलाफ दिल्ली के विभिन्न थानों, सीबीआइ व एसीबी में 100 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। चंद मामलों में विधायक कोर्ट से बरी हो गए हैं तो अधिकतर मामले विचाराधीन हैं। कुछ विधायकों पर विधायक बनने के पहले से भी मुकदमे दर्ज हैं।

दिल्ली पुलिस का कहना है कि AAP में कानून अपने हाथ में लेने वाले नेताओं की संख्या बढ़ती जा रही है, जो अपने आप में रिकार्ड है। इनमें कई पर छह से ज्यादा मामले भी दर्ज हैं। पार्टी नेता दिलीप पांडे व स्वाति जयहिंद के अलावा बगावत कर बाहर निकले दो पूर्व नेताओं पर भी केस दर्ज हैं।

दागदार AAP विधायकों में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत, अलका लांबा, अमानतुल्लाह खां, इमरान हुसैन, दिनेश मोहनिया, नरेश बाल्यान, प्रकाश जारवाल, राजेश ऋषि, राखी बिड़लान, सहीराम, सौरभ भारद्वाज, सोमनाथ भारती, विशेष रवि, प्रमिला टोकस, पवन शर्मा, राघवेंद्र सिंह शौकीन ऋतुराज झा, संजीव झा आदि शामिल हैं।

दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने AAP विधायक सहीराम को बर्खास्त करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि AAP का चाल, चरित्र और चेहरा धीरे-धीरे दिल्लीवासियों के सामने पूरी तरह से उजागर होता जा रहा है। पिछले साढ़े तीन वर्षों में AAP  विधायकों पर फर्जीवाड़ा, महिला उत्पीड़न और पद के दुरुपयोग के गंभीर आरोप लगे हैं। AAP विधायकों के इस तरह के व्यवहार से लोगों में रोष है, लेकिन परिवर्तन की राजनीति करने के नाम पर सत्ता हासिल करने वाले अरविंद केजरीवाल इन्हें संरक्षण दे रहे हैं। उन्होंने केजरीवाल से सहीराम की विधानसभा एवं पार्टी की सदस्यता खत्म करने की मांग की।

अरविंदर सिंह लवली (वरिष्ठ नेता कांग्रेस एवं पूर्व मंत्री, दिल्ली सरकार) ने कहा कि AAP के संयोजक और सीएम अरविंद केजरीवाल ने चुनाव से पहले कहा था कि वह हर प्रत्याशी की पृष्ठभूमि जानकर ही उसको टिकट देंगे, लेकिन शायद इस मामले में भी उन्होंने कहा कुछ और किया कुछ। दिल्ली के इतिहास में शायद पहली बार ऐसा होगा कि किसी सरकार के इतने विधायकों पर मुकदमे चल रहे हैं और अब तो उन्हें सजा मिलने की भी तैयारी हो गई है।

यहां पर बता दें कि आम आदमी पार्टी के 20 विधायक संसदीय सचिव मामले में फंसे हैं, जिनका मामला कोर्ट और चुनाव आयोग में विचाराधीन है। 

1. प्रवीण कुमार- जंगपुरा से विधायक थे। इन्हें शिक्षा मंत्री का संसदीय सचिव बनाया गया था।

2. शरद कुमार- नरेला से विधायक थे। इन्हें राजस्व मंत्री का संसदीय सचिव बनाया गया था।

3. आदर्श शास्त्री- द्वारका से विधायक थे। उन्हें सूचना-प्रौद्योगिकी मामलों के मंत्री का सचिव बनाया गया था।

4. मदन लाल- कस्तूरबा नगर से विधायक थे। इन्हें विजिलेंस मिनिस्टर का संसदीय सचिव बनाया गया था।

5. शिव चरण गोयल- मोती नगर से विधायक थे। इन्हें फाइनैंस मिनिस्टर का संसदीय सचिव बनाया गया था।

6. संजीव झा- बुराड़ी से विधायक थे। इन्हें ट्रांसपॉर्ट मिनिस्टर का संसदीय सचिव बनाया गया था।

7. सरिता सिंह- रोहतास नगर से विधायक थे। इन्हें एंप्लॉयमेंट मिनिस्टर का सचिव बनाया गया था।

8. नरेश यादव- मेहरौली से विधायक थे। उन्हें लेबर मिनिस्टर का संसदीय सचिव बनाया गया था।

9. राजेश गुप्ता- वजीरपुर से विधायक थे। उन्हें हेल्थ मिनिस्टर का संसदीय सचिव बनाया गया था।

10. राजेश ऋषि- जनकपुरी से विधायक थे। उन्हें हेल्थ मिनिस्टर का संसदीय सचिव बनाया गया था।

11. अनिल कुमार वाजपेयी- गांधी नगर से विधायक थे। उन्हें हेल्थ मिनिस्टर का संसदीय सचिव बनाया गया था।

12. सोम दत्त- सदर बाजार से विधायक चुने गए थे। वह इंडस्ट्रीज मिनिस्टर के संसदीय सचिव बनाए गए थे।

13. अवतार सिंह- कालकाजी से विधायक निर्वाचित हुए थे। उन्हें गुरुद्वारा चुनाव मामलों के मंत्री का संसदीय सचिव बनाया गया था।

14. विजेंदर गर्ग विजय- राजेंद्र नगर से विधायक थे। उन्हें PWD मिनिस्टर का संसदीय सचिव नियुक्त किया गया था।

15. जरनैल सिंह- तिलक नगर से विधायक थे। उन्हें डिवेलपमेंट मिनिस्टर का संसदीय सचिव बनाया गया था।

16. कैलाश गहलोत- नजफगढ़ से विधायक थे। उन्हें लॉ मिनिस्टर का संसदीय सचिव बनाया गया था।

17. अलका लांबा- चांदनी चौक से विधायक चुनी गई थीं। उन्हें पर्यटन मंत्री का संसदीय सचिव बनाया गया था।

18. मनोज कुमार- कोंडली से चुनाव जीते थे। उन्हें खाद्य और नागरिक आपूर्ति मामलों के मंत्री का सचिव बनाया गया था।

19. नितिन त्यागी- लक्ष्मी नगर से विधायक चुने गए थे। उन्हें महिला और बाल एवं सामाजिक कल्याण मंत्री का संसदीय सचिव बनाया गया था।

20. सुखवीर सिंह- मुंडका से चुनाव जीते थे। उन्हें भाषा और SC/ST/OBC कल्याण मामलों के मंत्री का संसदीय सचिव बनाया गया था।

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