क्या पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा सकता है? SC तलाशेगा संभावनाएं
पटाखा बनाने वालों की तरफ से पेश वकील सीए सुदर्शन ने पीठ को बताया कई प्रकार के अध्ययन यह बताते हैं कि पटाखों से होने वाला वायु प्रदूषण बहुत मामूली होता है।
By JP YadavEdited By: Updated: Thu, 02 Aug 2018 09:33 AM (IST)
नई दिल्ली (प्रेट्र)। दीपावली के समय वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर तक पहुंचने को गंभीरता से लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह इसकी संभावना तलाशेगा कि क्या पटाखोंपर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा सकता है। मामले की अगली सुनवाई आठ अगस्त को होगी। पिछले साल दो नाबालिगों द्वारा अभिभावकों की तरफ से दायर याचिका के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कुछ निश्चित अवधि तक पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी थी।
जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की खंडपीठ ने कहा कि त्योहार के दौरान बढ़े वायु प्रदूषण के चलते दिल्ली के 20 से 25 फीसद बच्चों सांस लेने की दिक्कतों से प्रभावित हो जाते हैं। ऐसे में हमें फैसला लेना होगा कि क्या हमें समग्र रूप से इनके खिलाफ कदम उठाते हुए प्रदूषण फैलाने वाली प्रत्येक चीज पर प्रतिबंध लगाना चाहिए या फिर तदर्थ रूप से सिर्फ पटाखों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।पीठ ने यह भी कहा कि पटाखों से होने वाला वायु प्रदूषण जहां नवजात बच्चों के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करती है वहीं हवा भी जहरीली हो जाती है। पटाखा बनाने वालों की तरफ से पेश वकील सीए सुदर्शन ने पीठ को बताया कई प्रकार के अध्ययन यह बताते हैं कि पटाखों से होने वाला वायु प्रदूषण बहुत मामूली होता है। ऐसे इस संबंध में एक वैज्ञानिक अध्ययन की जरूरत है।
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