देश में सामने आई धर्म परिवर्तन की सबसे अनोखी वजह, कहा था- 'दुल्हन मिलेगी'
चर्च में जाने पर युवक विकास को एक युवती दिखाई गई। फिर विकास से कहा गया कि इस युवती से उसकी शादी तब होगी, जब वह ईसाई धर्म अपनाएगा।
By JP YadavEdited By: Updated: Thu, 02 Aug 2018 03:40 PM (IST)
सोनीपत (जेएनएन)। दिल्ली से सटे हरियाणा के सोनीपत जिले में धर्म परिवर्तन के पीछे अनोखी वजह सामने आई है, जिसमें सुना वह चौंक गया। सोनीपत शहर के एक दोपहिया वाहन कंपनी के शोरूम में काम करने वाले विकास जैन को शादी का प्रलोभन देकर ईसाई धर्म में धर्मातरण कराया गया है। बताया जाता है कि विकास के साथ अग्रवाल समाज के तीन अन्य परिवारों का भी धर्म परिवर्तन कराया गया है।
धर्म परिवर्तन की खबर से मचा हड़कंपइस खबर से अग्रवाल समाज में हलचल मच गई। इसको लेकर समाज के लोगों ने मंगलवार की रात बैठक कर 11 लोगों की कमेटी बनाई है। यह तय किया गया कि कमेटी धर्म परिवर्तन करने वाले परिवारों का पता लगाकर मुलाकात करेगी। इस बैठक की अध्यक्षता टीका राम मित्तल ने की।
कुछ और परिवार कर सकते हैं धर्म परिवर्तनबैठक में जिला व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय सिंगला ने बताया कि अभी तक चार परिवारों के धर्म परिवर्तन करने की सूचना है जबकि कुछ परिवार धर्मातरण की तैयारी में हैं। उन्होंने धर्मांतरण को निंदनीय बताया।
शादी का प्रलोभन देकर कराया धर्म परिवर्तन बैठक में बताया गया कि विकास जैन की शादी नहीं हो रही थी। उससे किसी ने कहा कि अगर वह ईसाई धर्म अपना ले तो शादी हो जाएगी। चर्च में जाने पर उसे युवती दिखाई गई। विकास से कहा गया कि इस युवती से उसकी शादी तब होगी, जब वह ईसाई धर्म अपनाएगा। इसी तरह के प्रलोभन देकर अन्य लोगों का भी धर्मातरण किया गया है। बैठक में तय हुआ कि कमेटी के सदस्य उन अग्रवाल बंधुओं से मिलेंगे, जो ईसाई धर्म अपना चुके हैं या अपनाने की तैयारी कर रहे हैं। यदि किसी ने आर्थिक तंगी में धर्म परिवर्तन किया है तो समाज के लोग उसकी पूरी मदद करेंगे।
हरियाणा में महिला-पुरुष अनुपात अब भी चिंताजनकपूरे देश में शादी के लिए धर्म परिवर्तन का यह अनोखा मामला है। इसकी वजह हरियाणा में महिला-पुरुष का अनुपात भी जिम्मेदार है। पिछले साल (2017) ही सबसे कम लिंगानुपात वाले राज्य हरियाणा ने प्रति 1000 बालकों पर 900 बालिका होने की जन्म पर लिंगानुपात दर को हासिल किया था। हालांकि, इसमें सुधार हुआ है, बावजूद इसके यह चिंताजनक है। पिछले साल के जन्म पंजीकरण के ताजा आंकड़ों पर गौर करें, तो राज्य में लिंगानुपात में सुधार दर्ज किया गया थाष पिछले 17 वर्षों में यह पहली बार हुआ है जब हरियाणा में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या 900 के पार पहुंची हो।
यहां पर बता दें कि जनगणना 2001 में हरियाणा में 1000 पुरुषों पर सिर्फ 861 महिलाएं थीं, जबकि जनगणना 2011 में यह अनुपात 1000 पुरुषों पर सिर्फ 879 महिलाओं तक ही सीमित रह गया।इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2015 में पानीपत में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना की शुरुआत की। इसके बाद बड़े स्तर पर लिंगानुपात की जांच एवं कन्याभ्रूण हत्या के खिलाफ अभियान की शुरुआत की गई थी। सरकार की सतर्कता और लोगों की जागरूकता से सकारात्मक परिणाम भी सामने आए, लेकिन ये नाकाफी हैं।
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