सड़क दुर्घटना में तीन वर्षीय बच्चे की मौत मामले में गड्ढ़ा छोड़ने वाले अधिकारी नपेंगे
कोर्ट ने माना हादसे का कारण सड़क पर गड्ढा था। पुलिस को संबंधित अधिकारियों के नाम सौंपने का दिया आदेश। अधिकारियों को बचाने पर पुलिस को फटकार भी लगाई।
By Amit SinghEdited By: Updated: Thu, 02 Aug 2018 04:30 PM (IST)
फरीदाबाद (हरेंद्र नागर)। चार साल पहले राष्ट्रीय राजमार्ग पर हादसे में फरीदाबाद के सेक्टर-16 निवासी मनोज वधवा के तीन वर्षीय बेटे पवित्र की मौत मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने माना है कि हादसा सड़क पर गड्ढे के कारण हुआ था। 30 जुलाई को हुई सुनवाई में हाई कोर्ट ने पुलिस से उन अधिकारियों व सरकारी एजेंसी की रिपोर्ट मांगी है, जो सड़क पर गड्ढे के लिए जिम्मेदार हैं।
हाई कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त 2018 को है। इससे पहले पुलिस को अदालत में गड्ढ़ों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों, कर्मचारियों और एजेंसी के नाम के साथ अपनी रिपोर्ट जमा करनी है। पवित्र के लिए न्याय की लड़ाई लड़ रहे उनके पिता मनोज वधवा का कहना है कि यह पहली बार है, जब हाई कोर्ट ने माना है कि हादसे की वजह सड़क पर मौजूद गड्ढा था।
बता दें कि फरीदाबाद के सेक्टर-16 निवासी मनोज वधवा के तीन वर्षीय बेटे पवित्र की 10 फरवरी 2014 को बाटा चौक पर सड़क हादसे में मौत हो गई थी। उस शाम मनोज वधवा पत्नी टीना वधवा और पवित्र के साथ स्कूटर पर बल्लभगढ़ से अपने घर लौट रहे थे। बाटा चौक के पास उनका स्कूटर सड़क पर बने एक गड्ढे में फंसकर गिर गया। पीछे से आ रहे वाहन ने पवित्र को कुचल दिया था। उसकी माता-पिता के सामने मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई थी।
पुलिस ने अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। मनोज वधवा कहते रहे कि हादसे का कारण गड्ढा था। वह संबंधित एजेंसी के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करते रहे। बावजूद पुलिस अपने पुराने ढर्रे पर चलती रही। लिहाजा इंसाफ के लिए मनोज ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उनकी याचिका पर हाई कोर्ट ने पुलिस से इस मामले की रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था।
30 जुलाई को पुलिस ने हाई कोर्ट में अज्ञात वाहन की रिपोर्ट सौंपी। इस पर हाई कोर्ट ने पुलिस को कड़ी फटकार लगाई। हाई कोर्ट ने पुलिस को ऑर्डर दिया है कि हादसे का कारण सड़क पर मौजूद गड्ढा था। ऐसे में गड्ढे के लिए जिम्मेदार अधिकारियों या एजेंसी के बारे में रिपोर्ट बनाकर सौंपे।
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