स्वच्छता रैं¨कग घटने पर पार्षदों ने अधिकारियों को कोसा
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के शाहदरा उत्तरी जोन की बैठक में स्वच्छता रैंकिग घटने को लेकर पार्षदों ने अधिकारियों को जमकर कोसा। उन्होंने कहा कि अगर अधिकारी ईमानदारी से काम करते तो ये हालात नहीं होते। आगे ऐसी स्थिति न आए इसके लिए अधिकारी प्रयासरत रहें। पार्षदों ने कहा कि जगह-जगह सफाई अभियान चलाए जा रहे हैं फिर भी रैं¨कग की यह स्थिति शर्मशार करने वाली
By JagranEdited By: Updated: Fri, 03 Aug 2018 11:02 PM (IST)
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली :
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के शाहदरा उत्तरी जोन की बैठक में स्वच्छता रैंकिंग घटने पर पार्षदों ने अधिकारियों को जमकर कोसा। उन्होंने कहा कि अगर अधिकारी ईमानदारी से काम करते तो ये हालात नहीं होते। आगे ऐसी स्थिति न आए, इसके लिए अधिकारी प्रयासरत रहें। पार्षदों ने कहा कि जगह-जगह सफाई अभियान चलाए जा रहे हैं। फिर भी रैं¨कग की यह स्थिति शर्मशार करने वाली है। शाहदरा के जोनल कार्यालय में हुई बैठक की अध्यक्षता चेयरमैन प्रमोद गुप्ता ने की। बैठक में पार्षद विमलेश ने कहा कि निगम के स्कूलों में केवल एक सफाईकर्मी है, जिससे सफाई व्यवस्था खराब हो गई है। स्कूलों के शौचालयों में मकड़ी के जाले तक लग गए हैं। गौतमपुरी वार्ड के पार्षद केके अग्रवाल ने कहा कि केंद्र सरकार से स्वच्छता अभियान के लिए सौ करोड़ रुपये मिले हैं, फिर भी रैंकिंग घट रही है। पार्षद नीता बिष्ट ने कहा कि दयालपुर में अवैध रूप से चल रही जींस की फैक्ट्रियों से केमिकल निकलकर नालियों में बहता है। इसकी कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे आम लोग काफी परेशान हैं। जोन के डिप्टी चेयरमैन वीएस पंवार ने कहा कि निगम में भ्रष्टाचार इतना बढ़ गया है कि कोई अधिकारी ईमानदारी से काम नहीं कर रहा है। अवैध पार्किंग के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर निगम कर्मचारी कॉलोनियों से इलाके के लोगों की गाड़ी उठा रहे हैं। व्यावसायिक गाड़ियों पर कोई हाथ तक नहीं लगाता।
अन्य सभी पार्षदों ने अपने-अपने वार्ड में लाइट, ऑटो टिपर व अतिक्रमण की समस्या का मुद्दा उठाया। उनका कहना था कि अधिकारी अपना काम ईमानदारी से नहीं कर रहे हैं। इसका खामियाजा पार्षदों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकारी फोन तक नहीं उठाते। जोन चेयरमैन प्रमोद गुप्ता ने स्वच्छता रैं¨कग को लेकर कहा कि यह स्थिति शर्मिदगी वाली है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में समस्याएं इतनी हैं कि अधिकारियों के सहयोग के बिना पार्षद काम नहीं कर सकते। पार्षदों की जिम्मेदारी काम करवाने की है, लेकिन काम तो अधिकारियों को ही करना है। अधिकारियों को अपने बर्ताव में सुधार लाने की आवश्यकता है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्कूलों में सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की बात कही।
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