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हर्बल दवाओं के नाम पर चल रहा था नशीली दवाओं की तस्करी का खेल, यूं हुआ भंडाफोड़

एनसीबी के मुताबिक दो कंपनियों जाटक सॉफटेक और फार्मा ग्लो पर पहले से ही नजर रखी जा रही थी जो कथित तौर पर अवैध ड्रग्स तस्करी रैकेट चलाने में शामिल थीं।

By Amit MishraEdited By: Updated: Sat, 04 Aug 2018 04:25 PM (IST)
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हर्बल दवाओं के नाम पर चल रहा था नशीली दवाओं की तस्करी का खेल, यूं हुआ भंडाफोड़
गुरुग्राम [जेएनएन]। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को बड़ी कामयाबी मिली है। एनसीबी ने गुरुग्राम स्थित ऑनलाइन फार्मेसी का भंडाफोड़ किया जो अवैध रूप से अमेरिका और कुछ यूरोपीय देशों को 'हर्बल दवा' के नाम पर नशीली दवाएं भेजने के कार्य में संलिप्त थी। एनसीबी ने 22 हजार से अधिक नशीली टैबलेट को जब्त कर लिया है।

अवैध ड्रग्स तस्करी

पूरे मामले पर एनसीबी की दिल्ली इकाई की तरफ से कहा गया है कि उसने इस संबंध में अमित कुमार नाम के शख्स को हिरासत में लिया था। एनसीबी के मुताबिक अमित की दो कंपनियों जाटक सॉफटेक और फार्मा ग्लो पर पहले से ही नजर रखी जा रही थी जो कथित तौर पर अवैध ड्रग्स तस्करी रैकेट चलाने में शामिल थीं।

फैला रखा था जाल 

एनसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ऑनलाइन फार्मेसी नशीली दवाओं की तस्करी में सक्रिय रूप से संलिप्त थी और छापे के दौरान डाक विभाग, सीमा शुल्क, बीमा कंपनियों, बैंकों, अस्पतालों और फार्मा कंपनियों जैसी विभिन्न सरकारी एजेंसियों के कुल 79 नकली मुहरों को भी जब्त कर लिया गया है।

इंटरनेट के जरिए नशीली दवाओं की तस्करी

जांच में यह भी सामने आया है कि जाटक सॉफटेक ने 57 वेबसाइटें तैयार की थीं। वेबसाइट बनाने को लेकर कंपनी ने कुछ अमेरिकी फर्मों के साथ समझौता भी किया था, लेकिन असलियत में इंटरनेट के जरिए नशीली दवाओं की तस्करी की जा रही थी।

जारी है जांच 

एनसीबी के अधिकारी ने कहा कि मामले की गहन जांच जारी है और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने अमित कुमार की फर्मों के 17 बैंक खातों को जब्त कर लिया है। 22 करोड़ रुपये की संपत्ति की पहचान की गई है जिसे नशीली दवाओं के कानून के तहत अटैच किया जा सकता है।  

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