फॉर्च्यूनर की कीमत 1.50 लाख, इनोवा 70 हजार, क्रेटा 60 हजार और आई-20 की 35 हजार, जानें- कैसे
पुलिस को दो अगस्त को जानकारी मिली थी कि तिमारपुर इलाके में कुछ वाहन चोर आने वाले हैं जो सैकड़ों कार चुरा चुके हैं।
By Amit MishraEdited By: Updated: Sat, 04 Aug 2018 08:43 PM (IST)
नई दिल्ली [जेएनएन]। उत्तरी जिला के स्पेशल स्टाफ ने करीब 500 वाहन चुराने वाले गिरोह के तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान मोहसिन, असलम और शहजाद के रूप में हुई है। इनके पास से कार इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल मॉड्यूल (इसीएम) स्कैनर, कार खोलने के यंत्र सहित ताले और 64 चाबियां मिली हैं। ये शातिर ब्लूटूथ स्कैनर से इसीएम को निष्क्रिय कर कार चोरी कर लेते थे। पुलिस ने इनकी निशानदेही पर मेरठ व मुरादनगर से चोरी की 10 महंगी कारें बरामद की हैं।
पुलिस को मिली सूचना उत्तरी जिला की पुलिस उपायुक्त नूपुर प्रसाद ने बताया कि पुलिस को दो अगस्त को जानकारी मिली थी कि तिमारपुर इलाके में कुछ वाहन चोर आने वाले हैं जो सैकड़ों कार चुरा चुके हैं। इसकी सूचना के बाद स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार की टीम ने इलाके से आई-20 कार में सवार तीनों बदमाशों मोहसिन, असलम और शहजाद को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से कार चुराने में प्रयुक्त मशीन, चाबियों के साथ एक कार का रोड सर्टिफिकेट (आरसी) बरामद हुई। साथ ही इनकी निशानदेही पर मेरठ व मुरादनगर से चोरी की 10 महंगी कारें बरामद की गईं। जांच में पता चला कि बदमाशों ने आरसी को जुलाई महीने में गुलाबी बाग इलाके से चुराया था।
महंगी कार चुराने की सलाह
पुलिस अधिकारी ने बताया कि मोहसिन उत्तर प्रदेश के मेरठ, असलम हापुड़ जबकि शहजाद औरंगाबाद का रहने वाला है। पुलिस पूछताछ में मोहसिन ने बताया कि वह पहले अशफाक नाम के बदमाश के साथ मिलकर कार का स्टीरियो (ऑडियो सिस्टम) चुराता था। उसी दौरान इसकी मुलाकात गुड्डू से हुई थी। गुड्डू ने ज्यादा रुपये कमाने के लिए महंगी कार चुराने की सलाह दी जिसके बाद मोहसिन भी गिरोह में शामिल हो गया। आरोपी मोहसिन और शहजाद पर गैंगस्टर व आर्म्स एक्ट के तहत 10-10 जबकि असलम पर हत्या और आर्म्स एक्ट के तहत दो केस दर्ज हैं।डेढ़ लाख में बेच देते थे फॉर्च्यूनर
गिरोह के बदमाश पहले एकांत स्थान पर खड़ी कार का शीशा तोड़कर दरवाजा खोल लेते। बाद में साथ ले गए ब्लूटूथ स्कैनर से वाहन के इसीएम को निष्क्रिय कर नकली चाबी से कार चुराकर फरार हो जाते थे। चोरी के बाद बदमाश कारों को अन्य शहरों में काफी सस्ते दाम में बेच देते थे। एक फॉर्च्यूनर कार की कीमत मात्र 1.50 लाख, इनोवा की 70 हजार, क्रेटा की 60 हजार और आई-20 की 35 हजार रुपये होती थी।
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