EXCLUSIVE: पर्सनैलिटी डिसऑर्डर है रफ्तार का थ्रिल, दिल्ली वाले सबसे आगे
एक साल में पांच या ज्यादा बार स्पीड लिमिट तोड़ने वालों का डीएल होगा निलंबित। कुछ कारों ने 80 से 95 बार तोड़ी स्पीड लिमिट। दिल्ली वाले सबसे आगे।
By Amit SinghEdited By: Updated: Mon, 27 Aug 2018 03:08 PM (IST)
नोएडा (रजनी कान्त मिश्र)। लग्जरी गाड़ियों में घूमने वाले दिल्ली-एनसीआर के अमीर युवाओं की जान पर जानलेवा थ्रिल भारी पड़ रहा है। रफ्तार को लेकर उनकी दीवानगी इस कदर बढ़ चुकी है कि उन्हें यातायात नियमों या कार्रवाई का भी डर नहीं है। यही वजह है कि पिछले एक साल में केवल नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर ही 947 वाहनों ने पांच या इससे ज्यादा बार ओवर स्पीड कार दौड़ाई है। ट्रैफिक पुलिस अब इनके खिलाफ ऐसी कार्रवाई करने जा रही है कि ये वाहन चालक तीन महीने तक कहीं भी और कोई भी गाड़ी नहीं चला सकेंगे।
नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेस वे पर ओवर स्पीड वाहन चलाने के मामले में दिल्ली वाले सबसे आगे हैं। एक्सप्रेस वे पर लगे हाईवे ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एचटीएमएस) के जरिये यातायात विभाग ने पिछले एक वर्ष का रिकार्ड खंगाला है। इसमें 947 वाहन, पांच या इससे अधिक बार ओवर स्पीड (100 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक) चलते हुए सीसीटीवी कैमरों में कैद हुए हैं।
ट्रैफिक पुलिस अब इन वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) तीन माह के लिए निलंबित करने की संस्तुति संबंधित यातायात विभाग को भेज रही है। इनमें सबसे अधिक 449 वाहन केवल दिल्ली नंबर के हैं। यातायात पुलिस इन वाहनों के नंबर, अधिकतम स्पीड और किन-किन तिथि में कितनी बार ओवर स्पीड चले आदि ब्योरे के साथ संबंधित परिवहन विभाग को डीएल निलंबित करने के लिए रिपोर्ट भेज रही है।
दिल्ली, हरियाणा के साथ उप्र के जिलों को दी जाएगी रिपोर्ट
यातायात विभाग की तरफ से जिन वाहन मालिकों के ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित करने की संस्तुति की गई है, उसमें दिल्ली नंबर के 449, यूपी नंबर के 368 और हरियाणा नंबर के 130 वाहन शामिल हैं। इसमें अधिकतर लग्जरी एसयूवी व सेडान कारें शामिल हैं। विभाग की रिपोर्ट के आधार पर गौतमबुद्ध नगर परिवहन विभाग दिल्ली व हरियाणा के परिवहन विभाग को रिपोर्ट देकर डीएल निलंबन की कार्रवाई कराएगा। गौतमबुद्ध नगर के वाहन चालकों के डीएल यहीं से निलंबित करने की प्रक्रिया होगी, जबकि यूपी के अन्य जिलों के कार मालिकों के लिए संबंधित जिले के परिवहन विभाग को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
कैमरे में एक ही कार 95 बार ओवरस्पीड कैद हुईयातायात विभाग ने अगस्त 2017 से लेकर अब तक का रिकार्ड खंगाला है। उसमें यूपी नंबर की एक कार 95 बार ओवर स्पीड के चलते कैमरे में कैद हुई है। हर बार उसका चालान भी कटा है। विभाग के अनुसार करीब छह ऐसे वाहन हैं, जिनका 80 से अधिक बार ओवर स्पीड में चालान हुआ है।
एलिवेटेड रोड पर 200 की स्पीड में चलाई है कारनोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे ही नहीं लग्जरी कार चालकों को जब जहां मौका मिलता है वह स्पीड लिमिट तोड़ने से बाज नहीं आते हैं। यमुना एक्सप्रेस-वे स्पीड लिमिट तोड़ने वालों के लिए सबसे ज्यादा बदनाम है। स्पीड लिमिट तोड़ने की वजह से यमुना एक्सप्रेस-वे पर आए दिन सड़क दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं। नोएडा की पहली एलिवेटेड रोड पर भी स्पीड लिमिट तोड़ने के कई मामले सामने आ चुके हैं। एलिवेटेड रोड पर एक लग्जरी कार ने 200 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से फर्राटा भरा था।
सीसीटीवी कैमरों से रखी जा रही नजरतेज रफ्तार वाहनों को बीच रास्ते में रोककर चालान काटना बहुत मुश्किल होता है और इससे हादसों का भी खतरा रहता है। लिहाजा ट्रैफिक पुलिस यमुना एक्सप्रेस-वे, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे और एलिवेटेड रोड सहित कई अन्य मार्गों पर सीसीटीवी कैमरों से यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों पर नजर रखती है। यातायात नियम का उल्लंघन करने वालों का ई-चालान कर डाक से उनके घर भेजा जाता है। चालान घर न पहुंचने या रिसीव न होने पर ट्रैफिक पुलिस उसे कोर्ट भेज देती है। इसके बाद कोर्ट संबंधित कार मालिक क सम्मन कर पेश होने के लिए बुलाती है। कई सम्मन जारी होने पर कोर्ट गैर जमानती वारंट भी जारी कर सकती है। ऐसे में जेल भी जाना पड़ सकता है।
लग्जरी गाड़ियां यातायात नियम तोड़ने में सबसे आगे हैं
गौतमबुद्धनगर के एसपी ट्रैफिक अनिल कुमार झा के अनुसार यातायात नियमों का उल्लंघन करने में लग्जरी गाड़ियां सबसे आगे रहती हैं। जिन 947 वाहन चालकों के लाइसेंस निरस्त किए जा रहे हैं, उनमें भी ज्यादातर महंगी और लग्जरी एसयूवी और सेडान कारें हैं, जो आसानी से 150-200 की रफ्तार पकड़ लेती हैं। ऐसी कारें टक्कर न भी मारें तो भी इतनी तेज रफ्तार से अचानक से बगल से गुजरती हैं कि अन्य वाहन चालक चौंक जाते हैं। ऐसे में अन्य वाहनों के अनियंत्रित होकर हादसों का शिकार होने की आशंका बढ़ जाती है।मेंटल नहीं पर्सनैलिटी डिसऑर्डर और सोच का विषय हैइंप्रेशन जमाने को आप भले ही स्पीड लिमिट तोड़कर तेज रफ्तार में गाड़ी दौड़ा रहे हों, लेकिन इससे आपकी छवि खराब होती है। मनोचिकित्सक डॉ आरके बंसल के अनुसार ज्यादातर लोग बहुत तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने को सभ्य नहीं मानते। लोगों में एक आम राय बन जाती है कि पैसों वाले घर का है और महंगी कार लिए है, इसलिए इंप्रेशन जमा रहा है। बहुत से मामलों में ऐसा होता भी है कि अमीर घरों के यंगस्टर्स को पैसों की कीमत समझ नहीं आती है।उन्हें लगता है कि पुलिस ज्यादा से ज्यादा चालान करेगी, तो वह आसानी से चालान भर देंगे या माता-पिता की ऊंची पहुंच का रौब दिखा बच जाएंगे। ऐसे यंगस्टर्स पैसों, यातायात नियमों और दूसरों की सुरक्षा व सुविधा की जगह अपने थ्रिल को तरजीह देते हैं, जो उन्हें बेकाबू रफ्तार से मिलती है। ये मेंटल नहीं बल्कि एक तरह का पर्सनैलिटी डिसऑर्डर है और सोच का विषय है। इसका कोई इलाज नहीं है। इसे बस जिम्मेदारी के एहसास से कम किया जा सकता है।
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