राहुल गांधी को अपने कार्यक्रम में बुलाएगा आरएसएस, आयोजित होगा खुला सत्र
संघ पहले भी राहुल को अपने कार्यक्रम में आमंत्रित कर चुका है। तब राहुल ने मना कर दिया था। इस बार विदेशी राजनयिकों समेत 400 से अधिक लोग शामिल होंगे।
By Nancy BajpaiEdited By: Updated: Tue, 28 Aug 2018 07:08 AM (IST)
नई दिल्ली (जेएनएन)। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पिछले कई दिनों से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) पर लगातार हमले बोल रहे हैं। इन हमलों को लेकर संघ की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया तो नहीं आई, लेकिन एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि संघ अगले महीने होने वाले अपने कार्यक्रम में राहुल गांधी को निमंत्रण देने की तैयारी में है। संघ के प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने इसके संकेत दिए हैं। हालांकि अब तक इसे लेकर कोई भी औपचारिक ऐलान नहीं किया गया है।
अगले महीने दिल्ली में RSS का कार्यक्रम
दरअसल, 17 से 19 सितंबर के बीच राजधानी दिल्ली में संघ का कार्यक्रम होने वाला है। 'भविष्य का भारत: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का दृष्टिकोण' नाम के इस कार्यक्रम में राहुल गांधी को न्योता भेजा जा सकता है। जानकारी के मुताबिक, राहुल के अलावा सीपीआइ(एम) नेता सीताराम येचुरी समेत अन्य प्रमुख राजनीतिक दलों के अध्यक्षों और समाज के सभी वर्ग के लोगों को भी संघ निमंत्रण देने की तैयारी में है। राजनीति के अलावा अन्य क्षेत्र व संगठन के लोगों को भी इस कार्यक्रम में आमंत्रित किए जाने की संभावना है। इस कार्यक्रम में 400 से अधिक लोग शामिल होंगे। इसमें विदेशी राजनयिक भी होंगे।
दरअसल, 17 से 19 सितंबर के बीच राजधानी दिल्ली में संघ का कार्यक्रम होने वाला है। 'भविष्य का भारत: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का दृष्टिकोण' नाम के इस कार्यक्रम में राहुल गांधी को न्योता भेजा जा सकता है। जानकारी के मुताबिक, राहुल के अलावा सीपीआइ(एम) नेता सीताराम येचुरी समेत अन्य प्रमुख राजनीतिक दलों के अध्यक्षों और समाज के सभी वर्ग के लोगों को भी संघ निमंत्रण देने की तैयारी में है। राजनीति के अलावा अन्य क्षेत्र व संगठन के लोगों को भी इस कार्यक्रम में आमंत्रित किए जाने की संभावना है। इस कार्यक्रम में 400 से अधिक लोग शामिल होंगे। इसमें विदेशी राजनयिक भी होंगे।
संघ प्रमुख करेंगे संवाद
मोहन भागवत देश के प्रबुद्ध नागरिकों से 'भविष्य का भारत- आरएसएस का दृष्टिकोण' विषय पर 17 से 19 सितंबर तक दिल्ली के विज्ञान भवन में संवाद करेंगे। प्रबुद्ध वर्ग राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर संघ का दृष्टिकोण जानने को उत्सुक है इसलिए समसामयिक मुद्दों पर संघ के विचार मोहन भागवत सबके सामने रखेंगे। तीन दिनों के इस कार्यक्रम में दो दिन संघ प्रमुख मोहन भागवत विभिन्न विषयों पर संघ का दृष्टिकोण प्रस्तुत करेंगे। अंतिम दिन सवाल-जवाब के अंत में मोहन भागवत का समापन भाषण होगा। हर वर्ष संघ प्रमुख द्वारा दिल्ली में प्रबुद्ध लोगों से चर्चा आयोजित की जाती है, लेकिन इस बार इसे तीन दिनों का खुला सत्र रखा है। इसमें मीडिया को भी उपस्थित रहेगी।अक्सर राहुल के निशाने पर रहता है RSS
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी संघ पर निशाने साधने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। ऐसे में संघ की ओर से राहुल को न्योता भेजने की खबर ने राजनीति गलियारों में भी हलचल पैदा कर दी है। याद हो तो, बीते दिनों पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संघ के कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर जमकर बवाल मचा था। कई कांग्रेस नेताओं समेत उनकी खुद की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भी इस पर सवाल उठाए थे। ऐसे में देखना होगा कि अगर संघ का न्योता जाता है, तो राहुल गांधी इस पर क्या फैसला लेंगे। गौरतलब है कि संसद में प्रधानमंत्री मोदी को गले लगाने के बाद राहुल गांधी कई बार यह कहते नजर आए हैं कि वे नफरत की नहीं, प्यार की राजनीति करते हैं। ऐसे में संघ के इस प्यार को राहुल कैसे लेंगे, यह भी देखने लायक होगा।
मोहन भागवत देश के प्रबुद्ध नागरिकों से 'भविष्य का भारत- आरएसएस का दृष्टिकोण' विषय पर 17 से 19 सितंबर तक दिल्ली के विज्ञान भवन में संवाद करेंगे। प्रबुद्ध वर्ग राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर संघ का दृष्टिकोण जानने को उत्सुक है इसलिए समसामयिक मुद्दों पर संघ के विचार मोहन भागवत सबके सामने रखेंगे। तीन दिनों के इस कार्यक्रम में दो दिन संघ प्रमुख मोहन भागवत विभिन्न विषयों पर संघ का दृष्टिकोण प्रस्तुत करेंगे। अंतिम दिन सवाल-जवाब के अंत में मोहन भागवत का समापन भाषण होगा। हर वर्ष संघ प्रमुख द्वारा दिल्ली में प्रबुद्ध लोगों से चर्चा आयोजित की जाती है, लेकिन इस बार इसे तीन दिनों का खुला सत्र रखा है। इसमें मीडिया को भी उपस्थित रहेगी।अक्सर राहुल के निशाने पर रहता है RSS
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी संघ पर निशाने साधने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। ऐसे में संघ की ओर से राहुल को न्योता भेजने की खबर ने राजनीति गलियारों में भी हलचल पैदा कर दी है। याद हो तो, बीते दिनों पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संघ के कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर जमकर बवाल मचा था। कई कांग्रेस नेताओं समेत उनकी खुद की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भी इस पर सवाल उठाए थे। ऐसे में देखना होगा कि अगर संघ का न्योता जाता है, तो राहुल गांधी इस पर क्या फैसला लेंगे। गौरतलब है कि संसद में प्रधानमंत्री मोदी को गले लगाने के बाद राहुल गांधी कई बार यह कहते नजर आए हैं कि वे नफरत की नहीं, प्यार की राजनीति करते हैं। ऐसे में संघ के इस प्यार को राहुल कैसे लेंगे, यह भी देखने लायक होगा।
RSS पर राहुल ने लगाए कई गंभीर आरोप
बता दें कि अपने जर्मनी दौरे के दौरान राहुल गांधी ने संघ और भाजपा पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने सीधे आरएसएस का नाम लेकर उस पर देश को बांटने का आरोप लगाया था। वहीं, लंदन में राहुल ने संघ की तुलना अरब देशों के मुस्लिम ब्रदरहुड से करते हुए कहा था कि भारत में ऐसा पहली बार हो रहा है जब संस्थाओं पर कब्जा करने की कोशिश की जा रही है। आपको बता दें कि 'मुस्लिम ब्रदरहुड' अरब के कई देशों में सुन्नी मुसलमानों का धार्मिक-राजनीतिक संगठन है। इसे अरब के कई देशों में बैन करके रखा गया है। इसकी स्थापना मिस्र में 1928 में एक शिक्षक हसन अल बन्ना ने की थी। अरब के कई मुल्कों में इसे आतंकी संगठन की श्रेणी में रखा गया है।राहुल संघ से पहले भारत को समझें
राहुल गांधी द्वारा संघ को आइएस और मुस्लिम ब्रदरहुड जैसा संगठन बताए जाने के जवाब में संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने कहा कि राहुल गांधी खुद कहते हैं कि वह भारत को समझ रहे हैं। अच्छा है, वह भारत को समझ लें। संघ को समझने से पहले भारत को समझना आवश्यक है। एक बार संघ के कार्यक्रम में जाने से मना कर चुके हैं राहुल
इसके पहले भी आरएसएस ने एक बार राहुल गांधी को संघ को समझने के लिए अपने कार्यक्रम में आने का न्योता दिया था, लेकिन उन्होंने जाने से मना कर दिया था। अब जबकि राहुल गांधी संघ पर खासे हमलावर हैं, तो संघ एक बार फिर उनके सामने यह पेशकश रखने जा रहा है। इस बारे में संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते उन्हें भी कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाएगा।
बता दें कि अपने जर्मनी दौरे के दौरान राहुल गांधी ने संघ और भाजपा पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने सीधे आरएसएस का नाम लेकर उस पर देश को बांटने का आरोप लगाया था। वहीं, लंदन में राहुल ने संघ की तुलना अरब देशों के मुस्लिम ब्रदरहुड से करते हुए कहा था कि भारत में ऐसा पहली बार हो रहा है जब संस्थाओं पर कब्जा करने की कोशिश की जा रही है। आपको बता दें कि 'मुस्लिम ब्रदरहुड' अरब के कई देशों में सुन्नी मुसलमानों का धार्मिक-राजनीतिक संगठन है। इसे अरब के कई देशों में बैन करके रखा गया है। इसकी स्थापना मिस्र में 1928 में एक शिक्षक हसन अल बन्ना ने की थी। अरब के कई मुल्कों में इसे आतंकी संगठन की श्रेणी में रखा गया है।राहुल संघ से पहले भारत को समझें
राहुल गांधी द्वारा संघ को आइएस और मुस्लिम ब्रदरहुड जैसा संगठन बताए जाने के जवाब में संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने कहा कि राहुल गांधी खुद कहते हैं कि वह भारत को समझ रहे हैं। अच्छा है, वह भारत को समझ लें। संघ को समझने से पहले भारत को समझना आवश्यक है। एक बार संघ के कार्यक्रम में जाने से मना कर चुके हैं राहुल
इसके पहले भी आरएसएस ने एक बार राहुल गांधी को संघ को समझने के लिए अपने कार्यक्रम में आने का न्योता दिया था, लेकिन उन्होंने जाने से मना कर दिया था। अब जबकि राहुल गांधी संघ पर खासे हमलावर हैं, तो संघ एक बार फिर उनके सामने यह पेशकश रखने जा रहा है। इस बारे में संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते उन्हें भी कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाएगा।