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उच्च शिक्षण संस्थानों को यूजीसी का नोटिस, प्रिंसिपल नहीं तो वित्तीय मदद भी नहीं

यूजीसी सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन ने 13 अगस्त को दिल्ली के 21 कॉलेजों को नोटिस भेजा है। इन कॉलेजों से कहा गया है कि वह स्थाई प्रिंसिपल नियुक्त करें।

By Amit SinghEdited By: Updated: Mon, 27 Aug 2018 05:08 PM (IST)
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उच्च शिक्षण संस्थानों को यूजीसी का नोटिस, प्रिंसिपल नहीं तो वित्तीय मदद भी नहीं
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली के 21 उच्च शिक्षण संस्थानों की परेशानी बढ़ सकती है। यूजीसी ने इन कॉलेजों को नोटिस जारी कर शिक्षा के स्तर में सुधार करने के लिए कुछ आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। यूजीसी ने अपने नोटिस में हिदायत दी है कि आगर कॉलेजों ने उनके निर्देशों का पालन नहीं किया तो उन्हें मिलने वाली वित्तीय सहायता बंद कर दी जाएगी।

यूजीसी सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन ने इस संबंध में 13 अगस्त को दिल्ली के 21 कॉलेजों को नोटिस जारी किया है। नोटिस भेजकर इन कॉलेजों से कहा गया है कि वह अपने यहां स्थाई प्रिंसिपल नियुक्त करें। स्थाई प्रिंसिपल कॉलेज के अच्छे प्रशासन और अच्छे एकेडमी एनवायरमेंट के लिए महत्वपूर्ण है। प्रोफेसर रजनीश के मुताबिक यूजीसी एक शीर्ष संस्था होने की वजह से उच्च शिक्षा में गुणवत्ता पर नजर रखती है।

नोटिस में यूजीसी ने ऐसे कॉलेजों से स्थाई प्रिंसिपल नियुक्त करने की तिथि पूछी है, जहां अभी स्थाई प्रिंसिपल नहीं हैं। कॉलेजों से पूछा गया है कि वह स्थाई प्रिंसिपल नियुक्त करने के लिए कब साक्षात्कार लेंगे। इसके लिए उन्हें 31 अगस्त तक की समय सीमा दी गई है। यूजीसी सचिव ने बताया कि नोटिस के जवाब में कुछ कॉलेजों से जवाब मिलने लगे हैं। एक कॉलेज ने बताया है कि उन्होंने स्थाई प्रिंसिपल नियुक्त कर लिया है। एक अन्य कॉलेज ने बताया है कि वह साक्षात्कार की तिथि तय कर रहे हैं। कुछ कॉलेजों ने बताया है कि उन्होंने प्रिंसिपल नियुक्त करने के लिए विज्ञापन जारी कर दिए हैं।

यूजीसी सचिव के अनुसार कॉलेजों में स्थाई प्रिंसिपल नियुक्त न होना बहुत गंभीर विषय है। ऐसा न करने पर यूजीसी संबंधित कॉलेजों को दी जाने वाली वित्तीय सहायताएं रोक देगा। इसके अलावा कॉलेजों पर अन्य तरह के भी प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।

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