राहुल गांधी को अपने कार्यक्रम में बुलाएगा संघ
-विज्ञान भवन में 17 से 19 सितंबर तक 'भविष्य का भारत : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दृष्टिकोण' पर
By JagranEdited By: Updated: Mon, 27 Aug 2018 07:53 PM (IST)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भले ही कुछ दिनों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर हमलावर हैं, लेकिन संघ उनको अपने से अलग नहीं मानता है। इसलिए विज्ञान भवन में 17 से 19 सितंबर तक आयोजित होने वाले 'भविष्य का भारत : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दृष्टिकोण' विषय पर संवाद कार्यक्रम में संघ को समझने के लिए उनको भी आमंत्रित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में करीब 400 लोग शामिल होंगे। पहले दो दिनों तक विभिन्न विषयों पर संघ का दृष्टिकोण और समाज को जोड़ने के उसके विचार की संकल्पना को सर संघचालक मोहन भागवत विस्तार से रखेंगे। अंतिम दिन सवाल-जवाब का सत्र भी होगा। कार्यक्रम का समापन भागवत के भाषण से होगा।
इस बारे में संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने बताया कि इसमें सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ ही समाज के सभी पक्षों व विदेशी राजनयिक को भी आमंत्रित किया जाएगा। यह खुला सत्र होगा, इसमें मीडिया भी उपस्थित होगा। कांग्रेस अध्यक्ष व वामपंथ दलों को आमंत्रित करने के सवाल पर उन्होंने कहा 'सबको आमंत्रित किया जाएगा।' उन्होंने कहा कि इन दिनों लोगों में संघ के कार्यो को जानने व समझने की उत्सुकता बढ़ी है। वहीं, काफी संख्या में लोग देश की संस्कृति पर गर्व कर इसके विकास में योगदान के लिए संघ के साथ जुड़कर काम करना चाहते हैं। संघ का दैनिक राजनीति से कोई संबंध नहीं है, लेकिन बहुत सारे लोग दिन प्रतिदिन राजनीतिक विषय को संघ से जोड़ने की कोशिश करते हैं। ऐसे में संघ के दृष्टिकोण से अवगत कराने के लिए यह तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
वैसे, संघ पहले भी राहुल गांधी को अपने कार्यक्रम में आने का निमंत्रण भेजा था, जिसे उन्होंने अस्वीकार्य कर दिया था। हाल के दिनों में कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष विदेशी धरती से संघ पर खासे हमलावर हैं। लंदन में राहुल गांधी ने संघ की तुलना प्रतिबंधित संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड से की तो जर्मनी में संघ को आइएसआइएस जैसा संगठन बताया। इस पर अरुण कुमार ने कहा कि सारी दुनिया मुस्लिम आतंकवाद, मुस्लिम ब्रदरहुड से कितना पीड़ित है। अगर ये समझते तो ऐसा नहीं कहते। वैसे भी वो कहते हैं कि अभी पूरे भारत की उन्हें समझ नहीं है। जब वह भारत को समझ लेंगे तो संघ को भी समझ लेंगे।
इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी नागपुर में आयोजित संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह में हिस्सा ले चुके हैं। तब काग्रेस असहज नजर आई थी। कुछ नेताओं ने उन्हें पत्र लिखकर फैसले पर पुनर्विचार करने की भी अपील की थी।
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