जेवर एयरपोर्ट के लिए सरकार ने खोला खजाना, इस तरह सीधे किसानों के खाते में जाएगा पैसा
जमीन अधिग्रहण के बाद लोगों को मुआवजे एवं पुनर्वास के लिए इंतजार नहीं करना होगा। विस्थापित परिवारों को विकसित सेक्टरो में बसाया जाएगा।
By Edited By: Updated: Tue, 28 Aug 2018 08:30 PM (IST)
नोएडा [जेएनएन]। जेवर एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण एवं प्रभावित ग्रामीणों के पुनर्वास के लिए प्रदेश सरकार ने अनुपूरक बजट में अपनी झोली खोल दी है। जेवर एयरपोर्ट के लिए आठ सौ करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। जमीन अधिग्रहण एवं पुनर्वास पर चार हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस मद में जुटाई गई धनराशि में करीब आठ सौ करोड़ रुपये कम थे। प्रदेश सरकार ने इस कमी को पूरा कर दिया है।
मुआवजे एवं पुनर्वास के लिए नहीं करना होगा इंतजार जमीन अधिग्रहण के बाद लोगों को मुआवजे एवं पुनर्वास के लिए इंतजार नहीं करना होगा। जेवर एयरपोर्ट के लिए छह गांवों की जमीन का अधिग्रहण होना है। 1905 परिवार इस अधिग्रहण से विस्थापित होंगे। विस्थापित परिवारों को विकसित सेक्टरो में बसाया जाएगा। जहां सीवर, पानी, बिजली, सड़क से लेकर पार्क, स्कूल, बारात घर समेत सभी मूलभूत सुविधाएं होंगी।
जुटा लिए गए थे 32 सौ करोड़ रुपये
जमीन अधिग्रहण एवं पुनर्वास पर भारी भरकम धनराशि खर्च होगी। करीब चार हजार करोड़ रुपये अधिग्रहण एवं पुनर्वास पर खर्च होने का अनुमान है। 32 सौ करोड़ रुपये पहले ही जुटा लिए गए थे। लेकिन पुनर्वास नीति में बदलाव के बाद करीब आठ सौ करोड़ रुपये कम पड़ रहे थे।
अनुपूरक बजट से की गई धनराशि की भरपाई प्रदेश सरकार ने अनुपूरक बजट से इस धनराशि की भरपाई कर दी है। सरकार के इस कदम से जेवर एयरपोर्ट परियोजना के प्रभावित किसानों को मुआवजे के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। जमीन अधिग्रहण के साथ उन्हें एकमुश्त मुआवजा राशि आरटीजीएस के जरिये खाते में दी जाएगी।
किसानों की सहमति से बने एयरपोर्ट
पुनर्वास के लिए भी किसानों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना होगा। बजट आवंटन से यह भी साफ है कि प्रदेश सरकार चाहती है कि किसानों की सहमति से जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बने, ताकि क्षेत्र के साथ प्रदेश के विकास का रास्ता भी साफ हो।
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