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कैब चालक की हत्या में शामिल दो और धरे

बीते 9 अगस्त की रात सराय काले खां बस अड्डा के पास से ओला कैब चालक मोहम्मद यूसुफ को अगवा कर आगरा ले जाकर हत्या करने में शामिल एक और आरोपित बृजमोहन को सदर बाजार थाना पुलिस ने मथुरा से गिरफ्तार कर लिया है।

By JagranEdited By: Updated: Tue, 28 Aug 2018 10:51 PM (IST)
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कैब चालक की हत्या में शामिल दो और धरे

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली

बीते 9 अगस्त की रात सराय काले खां बस अड्डा के पास से ओला कैब चालक मोहम्मद यूसुफ को अगवा कर आगरा ले जाकर हत्या करने में शामिल एक और आरोपित बृजमोहन को सदर बाजार थाना पुलिस ने मथुरा से गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही वारदात में शामिल एक नाबालिग को भी पुलिस ने हरिद्वार से दबोच लिया है। इन दोनों से पहले पुलिस ने 19 अगस्त को बिजनौर से जितेश कुमार उर्फ कपिल को गिरफ्तार कर केस की गुत्थी सुलझा ली थी।

तीन ने मिलकर लूटपाट के मकसद से वारदात को अंजाम दिया था। आरोपितों को उम्मीद थी कि कैब चालक के पास दिन भर की बुकिंग के 15-20 हजार रुपये होंगे। लिहाजा उक्त रकम लूटने के इरादे से आरोपितों ने अलवर, राजस्थान जाने के बहाने कैब की बुकिंग कराई और उन्हें मथुरा (उत्तर प्रदेश) लेकर चले गए। वहां चालक के पास पड़े कुछ हजार रुपये लूटने के बाद पहचान छिपाने के मकसद से यूसुफ की गला घोंट कर हत्या कर दी थी और शव को नहर में फेंक दिया था। सात किमी दूर कार भी लावारिस हालत में मिली थी।

डीपीसी उत्तरी जिला नुपुर प्रसाद के मुताबिक, जितेश औद्योगिक एरिया, भदराबाद, हरिद्वार, उत्तराखंड का रहने वाला है। उसी ने घटना वाली रात अपने मोबाइल से ओला कैब की बुकिंग की थी। उसके पास से पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल फोन बरामद कर लिया था। पूछताछ में जितेश ने मथुरा निवासी बृजमोहन और मुरादाबाद निवासी 17 वर्षीय नाबालिग के नाम व पते के बारे में पुलिस को जानकारी दी थी। इसके बाद दोनों को दबोच लिया गया। नाबालिग फोन नहीं रखता था, लिहाजा उसके दोस्तों के जरिये पुलिस उस तक पहंची। पूछताछ में नाबालिग ने बताया कि हरिद्वार में एक फैक्ट्री में उसकी दोनों बालिग आरोपितों से जान पहचान हुई थी। तीनों को पैसों की सख्त जरूरत थी, इसलिए उन्होंने दिल्ली आकर ओला कैब चालक को ही अगवा कर लिया था।

मोहम्मद यूसुफ (40) सदर बाजार के सराय खलील स्थित डीडीए फ्लैट में परिवार के साथ रहते थे। परिवार में उनकी पत्‍‌नी सलमा और छह साल का बेटा अब्दुल्ला है। नौ अगस्त की रात वह सराय काले खां बस अड्डे के पास मौजूद थे, तभी उन्हें राजस्थान, अलवर जाने के लिए बुकिंग मिली थी। वह सवारी लेकर राजस्थान के लिए निकल गए थे। दिल्ली से अलवर जाने में करीब दो घटे के दौरान बीच-बीच में सलमा की यूसुफ से फोन पर कई बार बात हुई थी। उन्होंने पत्‍‌नी को बताया था कि वह तड़के करीब चार-पाच बजे तक घर वापस लौट पाएंगे। देर रात युसूफ का फोन बंद हो जाने पर परिजनों को शक होने लगा था। अगले दिन सुबह में भी फोन बंद आने पर परिजनों ने सदर बाजार थाने पहुंचकर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी थी। मथुरा पुलिस को 10 अगस्त की सुबह नहर में यूसुफ की लाश मिली और 11 को अचनेरा, आगरा में कार भी मिल गई थी। कार के रजिस्ट्रेशन नंबर से उत्तर प्रदेश पुलिस ने सदर बाजार पुलिस को घटना की जानकारी दी थी।

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