मरीजों के इलाज का विवरण ऑनलाइन रखेगा निगम
निहाल सिंह, नई दिल्ली : दक्षिणी दिल्ली नगर के अस्पतालों में ओपीडी पर्ची अब इतिहास की बात होगी।
By JagranEdited By: Updated: Tue, 28 Aug 2018 09:16 PM (IST)
निहाल सिंह, नई दिल्ली :
दक्षिणी दिल्ली नगर के अस्पतालों में ओपीडी पर्ची अब इतिहास की बात होगी, क्योंकि न केवल निगम अपने अस्पतालों में ई-अस्पताल मैनेजमेट सिस्टम लागू करने जा रहा है, बल्कि आधुनिक तरीके से अपने अस्पतालों में मरीजों की बीमारी और उसका पूरा विवरण ऑनलाइन रखेगा। इससे मरीजों को ओपीडी पर्ची को सहेजकर रखने की भी जरूरत नहीं होगी। दक्षिणी दिल्ली निगम के जनस्वास्थ्य विभाग के डिप्टी कमिश्नर प्रेम शकर झा ने बताया कि निगम के दो बड़े कॉलोनी अस्पतालों में निगम ई-अस्पताल मैनेजमेट सिस्टम लागू करने का फैसला लिया है। इसके तहत लाजपत नगर और कालकाजी के पूर्णिमा सेठी अस्पताल में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह सुविधा लागू करने पर कार्य चल रहा है। अगले दो-ढाई माह में इस कार्य के पूरा होने की उम्मीद है।
झा ने बताया कि इस सिस्टम को दो चरण में लागू किया जाएगा। इसमें पहले चरण में अस्पताल में ओपीडी पर्ची पंजीकरण ऑनलाइन होगा और अगले चरण में मरीज के इलाज की सारी जानकारी ऑनलाइन होगी। हर मरीज को मिलेगा विशेष नंबर :
निगम के इन दो अस्पतालों में जब पूरी व्यवस्था लागू हो जाएगी तो इसके तहत यहां आने वाले हर मरीज को एक विशेष नंबर दिया जाएगा। इसके बाद उसके यहां इलाज का पूरा विवरण इस विशेष नंबर पर उपलब्ध होगा। इंटरनेट पर यह पूरा विवरण होने से निगम के डॉक्टरों को मरीजों की सेहत का पूर्व इतिहास भी सामने आ जाएगा। अधिकारी ने बताया कि इससे न केवल मरीज को यह लाभ होगा कि वह जल्द स्वस्थ हो सकेगा, बल्कि डॉक्टरों को भी यह सुविधा होगी कि वह मरीज के पुराने रिकार्ड को देखकर आगे का इलाज शुरू कर सकेंगे। अधिकारी ने कहा कि देखने में आता है कि अक्सर इलाज के दौरान मरीज अपनी पर्ची संभालकर नहीं रखते है, इसकी वजह से दोबारा बीमार होने पर मरीज का नए सिरे से इलाज करना पड़ता है। नई व्यवस्था में मरीज के इलाज और उसकी बीमारियों का पूरा विवरण निगम के पास ऑनलाइन मौजूद रहेगा। इससे निगम के डॉक्टर मरीज की पिछली बीमारी की जानकारी लेकर इलाज शुरू कर सकेंगे। पर्ची बनने से हो रहा था दुरुपयोग : निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी की माने तो फिलहाल अस्पतालों में चल रही पर्ची व्यवस्था का दुरुपयोग हो रहा था, क्योंकि कई बार देखने में आया है कि कुछ व्यक्ति खासी और बुखार की बीमारियों की दवाइयों को बिना जरूरत के भी ले जाते हैं। इससे उनकी निगरानी नहीं हो पाती है। इस नई व्यवस्था से सब कुछ निगरानी में होगा। इतना ही नहीं निगम की फार्मेसी में किस दवाई का कितना स्टॉक है यह भी पता समय से चल जाएगा।
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