मणिपुर के मुख्यमंत्री को धमकी देने वाला शख्स दिल्ली में गिरफ्तार
कमांडर ओइनम इबोचौबा पर आरोप है कि उन्होंने मणिपुर के मुख्यमंत्री को धमकी दी थी और इस बाबत मामला भी दर्ज हुआ था।
By JP YadavEdited By: Updated: Wed, 29 Aug 2018 03:24 PM (IST)
नई दिल्ली (जेएनएन)। माओवादियों से कथित संबंधों और गैर-कानूनी गतिविधियों के आरोप में एक्टिविस्ट्स की गिरफ्तारी के अगले ही दिन बुधवार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मणिपुर में प्रतिबंधित चरमपंथी संगठन कांगलेई कम्युनिस्ट पार्टी के कमांडर और चेयरमैन ओइनम इबोचौबा सिंह को गिरफ्तार किया है। कमांडर ओइनम इबोचौबा पर आरोप है कि उन्होंने मणिपुर के मुख्यमंत्री को धमकी दी थी और इस बाबत मामला भी दर्ज हुआ था।
यह भी जानें
म्यांमार की सीमा से लगा मणिपुर वर्षों से उग्रवाद का शिकार है। अशांत क्षेत्र होने के चलते यहां सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) लागू है। यहां कई उग्रवादी गुट सक्रिय हैं। इनमें पीएलए और केवाईकेएल ज्यादा प्रभावी हैं।
म्यांमार की सीमा से लगा मणिपुर वर्षों से उग्रवाद का शिकार है। अशांत क्षेत्र होने के चलते यहां सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) लागू है। यहां कई उग्रवादी गुट सक्रिय हैं। इनमें पीएलए और केवाईकेएल ज्यादा प्रभावी हैं।
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए)रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (आरपीएफ) की हथियारबंद शाखा है। आरपीएफ बांग्लादेश से अपनी निर्वासित सरकार चलाता है। पीएलए मणिपुर के सबसे पुराने और ताकतवर विद्रोही संगठनों में एक है।
वर्ष 1978 से सक्रिय उग्रवादी संगठन पीएलए मैती, नगा और कुकी कबीलों को एकजुट कर मणिपुर की आजादी चाहता है। हालांकि भारतीय संविधान के तहत किसी भी बातचीत के जरिये इसने समझौता का रास्ता नहीं अपनाया है।यह पहला संगठन है कि जिसके उग्रवादियों को चीन की पीपुल लिबरेशन आर्मी ने अंतिम सदी के नौवें दशक में ल्हासा में प्रशिक्षण दिया था। वर्तमान में म्यांमार में एनएससीएन इसके उग्रवादियों को अतिरिक्त प्रशिक्षण देता है।
माना जाता है कि इसके सदस्यों की संख्या पांच हजार के करीब है। इसके म्यांमार में दो और बांग्लादेश में पांच प्रशिक्षण शिविर हैं।गठन के समय से ही, भारतीय सैन्य, अर्ध सैन्य बलों और राज्य पुलिस के खिलाफ हमले के लिए इसने गुरिल्ला युद्ध की तकनीक अपनाई। हालांकि पिछले सदी के अंतिम दशक की समाप्ति के आसपास घोषणा की कि इसके उग्रवादी मणिपुर पुलिस को अपना निशाना नहीं बनाएंगे।
कांगलेई यावोल काना लूप (केवाईकेएल)जनवरी 1994 में कांगलेई कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी), यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट और पीपुल्स (यूएनएलएफ) रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलेईपक (पीआरईपीएके) को मिलाकर कांगलेई यावोल काना लूप (केवाईकेएल) का गठन हुआ था।
पहले कहा गया था कि मणिपुर में सांस्कृतिक एकता लाने को इसका गठन किया गया है, लेकिन इसके द्वारा कई उग्रवादी संगठनों की मदद करने की बात सामने आने लगीं। इसके अलावा केवाईकेएल के सदस्य अनैतिक गतिविधियां, ड्रग तस्करी और भ्रष्टाचार जैसे मामलों में भी लिप्त रहते हैं। सूबे के खासकर, चंदेल जैसे पहाड़ी इलाकों में यह ज्यादा सक्रिय है।यहां पर बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश के सिलसिले में मंगलवार को कई राज्यों में छापेमारी के दौरान पांच वाममंथी विचारकों को गिरफ्तार किया गया था। वाममंथी विचारकों की गिरफ्तारी के बाद सियासी बवाल मच गया है। विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा 'भारत में केवल एक एनजीओ के लिए जगह है, जिसका नाम आरएसएस है। बाकी सारे एनजीओ को बंद कर दो। सभी कार्यकर्ताओं को जेल में डाल दो और अगर वे कुछ कहते हैं तो उन्हें गोली मार दो। नए भारत में आपका स्वागत है।
बतादें कि पुणे पुलिस ने छापेमारी में हैदराबाद से वामपंथी रझान के कवि वरवरा राव, फरीदाबाद से एडवोकेट सुधा भारद्वाज, दिल्ली से गौतम नवलखा, मुंबई से वर्णन गोंसाल्विस एवं ठाणे से एडवोकेट अरुण परेरा को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा गोवा में लेखक एवं प्रोफेसर आनंद तेलतुंबड़े के घर पर उनकी अनुपस्थिति में छापा मारकर उनके कम्प्यूटर एवं पेन ड्राइव की छानबीन की गई। रांची में 83 वर्षीय वामपंथी बुद्घिजीवी स्टैन स्वामी के घर की तलाशी ली गई। हैदराबाद में वरवरा राव सहित उनसे संबंधित करीब आधा दर्जन लोगों के घरों पर छापे मारे गए। इन सभी को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा।इसी वर्ष एक जनवरी को पुणे के समीप भीमा कोरेगांव दंगे की पूर्व संध्या 31 दिसंबर को शनिवारवाड़ा के बाहर अजा-जजा कार्यकर्ताओं द्वारा यलगार परिषद का आयोजन किया गया था। इसी दौरान मुंबई और कल्याण से कई माओवादी कार्यकर्ता पकड़े गए थे। जिनसे पूछताछ में भीमा कोरेगांव दंगे में माओवादी साजिश का पता चला था।
राजीव गांधी की तरह हत्या का था जिक्र
हत्या की साजिश वाले पत्र में कहा गया था 'मोदी 15 राज्यों में भाजपा को स्थापित करने में सफल हुए हैं। यदि ऐसा ही रहा तो सभी मोर्चो पर पार्टी (वामदल) के लिए दिक्कत खड़ी हो जाएगी। कॉमरेड किसन और कुछ अन्य सीनियर कॉमरेड्स ने मोदी राज को खत्म करने के लिए कुछ मजबूत कदम सुझाए हैं। हम सभी राजीव गांधी जैसे हत्याकांड पर विचार कर रहे हैं। बाकी अगले पत्र में।'
हत्या की साजिश वाले पत्र में कहा गया था 'मोदी 15 राज्यों में भाजपा को स्थापित करने में सफल हुए हैं। यदि ऐसा ही रहा तो सभी मोर्चो पर पार्टी (वामदल) के लिए दिक्कत खड़ी हो जाएगी। कॉमरेड किसन और कुछ अन्य सीनियर कॉमरेड्स ने मोदी राज को खत्म करने के लिए कुछ मजबूत कदम सुझाए हैं। हम सभी राजीव गांधी जैसे हत्याकांड पर विचार कर रहे हैं। बाकी अगले पत्र में।'