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आतंकी संगठन का टॉप कमांडर दिल्ली से गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मंगलवार रात कोटला मुबारकपुर से मणिपुर के आतंकी संगठन के टॉप कमांडर को गिरफ्तार किया है।

By JagranEdited By: Updated: Wed, 29 Aug 2018 08:29 PM (IST)
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आतंकी संगठन का टॉप कमांडर दिल्ली से गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मंगलवार रात कोटला मुबारकपुर से मणिपुर के प्रतिबंधित आतंकी संगठन कंगलेपक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी) व पीपुल्स वार ग्रुप (पीडब्ल्यूजी) के टॉप कमांडर को गिरफ्तार किया है। उसकी पहचान ओएनम इबोचौबा सिंह उर्फ खोइरंगबा के रूप में हुई है। बीते 11 अगस्त को उसने सोशल मीडिया के जरिये ऑडियो भेजकर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह व तीन अन्य मंत्रियों को जान से मारने की धमकी दी थी। वह सोमवार को नेपाल से दिल्ली आया था। यहां रहकर वह राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रचता और फंड जुटाता कि उससे पहले ही पुलिस ने उसे दबोच लिया। उसे कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया है।

डीसीपी संजीव कुमार यादव के मुताबिक ओएनम इबोचौबा (45) मूलरूप से मणिपुर के बिष्णुपुर जिले का रहने वाला है। वह केसीपी-पीडब्ल्यूजी ग्रुप का अध्यक्ष है। उसके खिलाफ मणिपुर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने व धमकी देकर उगाही के छह मामले दर्ज हैं। उसके पास से एक मोबाइल फोन, दो नेपाल व दो मणिपुर के सिमकार्ड, केसीपी के लेटरहेड, ऑडियो व वीडियो, वाट्सएप चैट व रेलवे के दो टिकट मिले हैं। पूछताछ में उसने बताया है कि मणिपुर विश्वविद्यालय में नए उपकुलपति की नियुक्ति और पूर्व उपकुलपति एपी पांडेय को हटा देने से वह नाराज है। पांडेय को हटाने पर उसने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह व तीन अन्य मंत्रियों को धमकी दी थी। ओएनम मणिपुर व म्यांमार के बार्डर जीरो माइल पर एक टोल बनाने को लेकर भी नाराज है। उसने मुख्यमंत्री को जान से मारने की धमकी देते हुए कहा था कि वह इसे तीस दिन के अंदर हटा दें। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मणिपुर के एक थाने में ओएनम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

करता था उगाही

28 अगस्त को स्पेशल सेल को सूचना मिली थी कि ओएनम छिपने के लिए दिल्ली आया हुआ है। एसीपी संजय दत्त व इंस्पेक्टर राहुल कुमार की टीम ने दिल्ली में रह रहे पूर्वोत्तर के लोगों से पूछताछ के बाद ओएनम को कोटला मुबारकपुर इलाके से गिरफ्तार कर लिया। वह यहां एक व्यक्ति से मिलने आया था। पूछताछ में उसने बताया कि वह दिल्ली में एक वारदात को अंजाम देना चाह रहा था। मणिपुर में आतंकी गतिविधियों के चलते वर्ष 2010 में असम पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। वह एक महीने जेल में रहा था। आतंकी वारदात में लिप्त होने पर पुलिस का दबाव बढ़ा तो वह मणिपुर छोड़कर नेपाल चला गया था। वहां उसने स्यांगजा बाजार में बेस बना लिया था और वहीं से मणिपुर के सरकारी विभाग के अधिकारियों, कारोबारियों व निजी स्कूल मालिकों को धमकी देकर उगाही कर रहा था। कुछ लोग डर के कारण उसे नेपाल में सीधे रकम भेज देते थे। नेपाल में बेनकाब होने पर वह भारत-नेपाल सीमा सनोली में आकर रहने लगा और फिर गोरखपुर के रास्ते ट्रेन से दिल्ली आया।

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