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AAP नेता से पूछा था- 'बिना सरनेम जीतोगे कैसे, आपकी जाति के यहां काफी वोट हैं'

धर्म और जाति की राजनीति से खुद को दूर रखने का दावा कर सत्ता में आई आप के अंदर शायद हालात इससे जुदा हैं। इसका खुलासा कुछ हद तक एक आम आदमी पार्टी के नेता ने कर दिया है।

By Edited By: Updated: Thu, 30 Aug 2018 07:59 AM (IST)
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AAP नेता से पूछा था- 'बिना सरनेम जीतोगे कैसे, आपकी जाति के यहां काफी वोट हैं'
नई दिल्ली (जेएनएन)। धर्म और जाति की राजनीति से खुद को दूर रखने का दावा कर सत्ता में आई आम आदमी पार्टी (आप) में हालात शायद इससे जुदा दिख रहे हैं। आतिशी मर्लेना से पहले आशुतोष के साथ भी ऐसी ही घटना हो चुकी है। आप को कुछ दिनों पहले अलविदा करने वाले आशुतोष ने खुद यह बात स्वीकार की है। आशुतोष ने ट्वीट किया है कि उनके 23 वर्ष के पत्रकारिता के करियर में उन्हें कभी जाति के प्रयोग की जरूरत नहीं पड़ी, लेकिन पार्टी की तरफ से जब चुनाव लड़ना पड़ा तो मुझे इसके लिए कहा गया।

मेरे विरोध के बावजूद मेरा सरनेम जोड़ा गया। बुधवार को आशुतोष ने ट्वीट किया कि 23 वर्ष तक मैं पत्रकारिता में रहा, उस दौरान किसी ने भी मुझसे मेरी जाति या फिर उपनाम नहीं पूछा। मैं हमेशा मेरे नाम से ही जाना और पहचाना जाता रहा, लेकिन जब मुझे 2014 लोकसभा चुनाव लड़ाने के दौरान कार्यकर्ताओं से मिलवाया गया तो मेरे सरनेम का प्रयोग किया गया। इसका मैंने विरोध भी किया था, लेकिन मुझसे कहा गया कि सर आप जीतोगे कैसे, आपकी जाति के यहा काफी वोट हैं।

इस ट्वीट के कुछ समय बाद उन्होंने एक और ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने सफाई दी कि वह अब आप के अनुशासन में बंधे नहीं हैं। वह अपने विचार रखने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन उनके विचार को आप का विरोध करने वालों के साथ न जोड़ा जाए। जाति को लेकर आशुतोष का ट्वीट ऐसे समय में आया है, जब पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से आप की संभावित प्रत्याशी आतिशी मर्लेना ने अपना सरनेम हटा दिया है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुआई वाली आम आदमी पार्टी इन दिनों अपनों की ही बेरुखी का शिकार हो रही है। पहले केजरीवाल के बेहद करीबी आशुतोष ने पार्टी का साथ छोड़ दिया और फिर आशीष खेतान ने भी इस्तीफा दे दिया। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि धीरे-धीरे और भी कई नेता पार्टी से इस्तीफा दे सकते हैं।

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