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बच्चों की संख्या सवा दो लाख, आते हैं सिर्फ 1.65 लाख

पूर्वी दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में नाम तो सवा दो लाख बच्चों के दर्ज हैं लेकिन मात्र 1.65 लाख् बच्चे ही पढ़ने आते हैं। इतनी अधिक संख्या में बच्चे क्यों गैर हाजिर हैं, इसकी कभी खोज खबर नहीं ली गई। बच्चों की संख्या कम होना ¨चता की बात है इसके लिए हमारी व्यवस्था में कमी है लेकिन अधिकारी यह कहकर गुमराह कर देते हैं कि बच्चे प्राइवेट स्कूलों में चले गए हैं या

By JagranEdited By: Updated: Wed, 29 Aug 2018 09:57 PM (IST)
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बच्चों की संख्या सवा दो लाख, आते हैं सिर्फ 1.65 लाख

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली :

पूर्वी दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में नाम तो सवा दो लाख बच्चों के दर्ज हैं, लेकिन सिर्फ1.65 लाख बच्चे ही पढ़ने आते हैं। इतनी अधिक संख्या में बच्चे क्यों गैरहाजिर हैं, इसकी कभी खोज खबर नहीं ली गई। बच्चों की संख्या कम होना ¨चता की बात है। इस मामले को शिक्षा समिति की बैठक में मनोनीत सदस्य उदय कौशिक ने जोर-शोर से उठाया।

कौशिक ने कहा कि शिक्षकों की तैनाती कुल बच्चों की संख्या के आधार पर की गई है। इससे आठ शिक्षक अतिरिक्त हैं। यह भी जांच का विषय है कि मिड डे मील सभी बच्चों के आधार पर आता है या सिर्फ स्कूल आने वाले बच्चों के आधार पर। उन्होंने सहायता प्राप्त स्कूलों की बदहाली का भी मामला उठाया। उन्होंने यहां होने वाली भर्ती प्रक्रिया को भी पारदर्शी बनाने की मांग की। स्वाति गुप्ता ने कहा कि स्कूलों में मरम्मत व सफेदी संबंधी जो कार्य गर्मी की छुट्टियों में हो जाने चाहिए थे, उसे अब तक नहीं किया गया है। उन्होंने उन शिक्षकों की सूची उपलब्ध करवाने के लिए कहा जिन्हें कंप्यूटर की ट्रे¨नग दी गई है। उन्होंने निगम की वेबसाइट को और अपग्रेड करने का भी सुझाव दिया।

धूल फांक रहे हैं कंप्यूटर लैब

बैठक में पार्षदों ने कहा कि निगम स्कूलों में कंप्यूटर लैब खोले गए हैं, लेकिन ये धूल फांक रहे हैं। जिस एजेंसी को कंप्यूटर कक्षाएं चलानी थी उन्होंने यह कार्य बंद कर दिया है। लैब चलाने के लिए निगम के शिक्षकों को कंप्यूटर ट्रे¨नग दी गई है, लेकिन वे लैब में बच्चों को पढ़ाते ही नहीं हैं।

पैरेंट्स मी¨टग में पार्षदों को बुलाते ही नहीं प्रधानाचार्य

निगम स्कूलों में शिक्षक-अभिभावक संघ की बैठक होती है, लेकिन इसमें पार्षदों को बुलाया ही नहीं जाता। इसकी शिकायत पार्षद कुसुम तोमर ने बैठक में की। उन्होंने कहा कि स्कूल के प्रधानाचार्य यह जाहिर नहीं होने देना चाहते कि उनके स्कूल में क्या गड़बड़ी हो रही है, वरना सभी पार्षदों को बुलाया जाता।

पार्षद शशि चांदना ने कहा कि निगम स्कूलों में गार्ड रूम तो बनाए जा रहे हैं, लेकिन हर स्कूल में गार्ड की तैनाती हो, इसके लिए भी प्रयास किए जाएं।

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