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विश्वास नगर में जुर्माना देने वालों को मिली सी¨लग से राहत

विश्वास नगर के उन उद्यमियों को सी¨लग से राहत मिल गई है जिन्होंने फैक्ट्री, गोदाम या दुकान खाली कर निगम में जुर्माना जमा कर नोटिस का जवाब और शपथपत्र दे दिया है। अब निगम नए सिरे से सी¨लग आदेश तैयार करेगा, साथ ही पुराने आदेश निरस्त करेगा। पिछले करीब एक माह से विश्वास नगर

By JagranEdited By: Updated: Wed, 29 Aug 2018 10:54 PM (IST)
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विश्वास नगर में जुर्माना देने वालों को मिली सी¨लग से राहत
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली :

विश्वास नगर में फैक्ट्री, गोदाम या दुकान खाली कर निगम में जुर्माना जमा कर नोटिस का जवाब और शपथपत्र देने वाले उद्यमियों को सीलिंग से राहत मिल गई है। अब निगम नए सिरे से सी¨लग आदेश तैयार करेगा, साथ ही पुराने आदेश निरस्त करेगा।

निगम की सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद भी सी¨लग किए जान से एक माह से विश्वास नगर के उद्यमी परेशान थे। रोजाना हंगामा हो रहा था। निगम अधिकारी यह दलील दे रहे थे कि जुर्माना जमा करवाने से पहले सी¨लग आदेश जारी होने पर फैक्ट्री को सील करने से छोड़ा नहीं जा सकता है। इस मामले को लेकर सोमवार को पूर्वी दिल्ली नगर निगम के सदन में पार्षद अंजू कमलकांत ने प्रस्ताव पेश किया था, जिसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया था। प्रस्ताव में कहा गया था कि जिन्होंने जुर्माना जमा करवा दिया है उन्हें सी¨लग से राहत दी जाए। इसके बाद महापौर बिपिन बिहारी ¨सह, स्थायी समिति अध्यक्ष सत्यपाल ¨सह, जोन चेयरपर्सन कंचन महेश्वरी, नेता सदन निर्मल जैन व अन्य पार्षदों की निगमायुक्त डॉ. रणबीर ¨सह व जोन उपायुक्त डॉ.बीएम मिश्रा के साथ बैठक हुई। इसमें कहा गया कि अधिकारी मॉनिट¨रग कमेटी के सदस्यों के समक्ष सही तस्वीर पेश करें। इससे सारे मसले को लेकर निगमायुक्त व जोन उपायुक्त मॉनिट¨रग कमेटी के पास पहुंचे और उन्हें हालात से अवगत कराया। अधिकारियों ने कई तरह की दलीलें दीं। इसके बाद कमेटी ने अधिकारियों के उस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया कि जो फैक्ट्री मालिक प्रक्रिया का पालन करेंगे उनकी फैक्ट्री सील नहीं की जाएगी। हालांकि जुर्माना जमा करवाने के बाद भी जिनकी फैक्ट्री सील हो गई है उनका मामला लटका हुआ है। इसे मॉनिट¨रग कमेटी के आदेश पर ही डी-सील किया जाएगा। कमेटी में डी-सील के लिए जो फाइल जाती है उसके साथ एक लाख रुपये का शुल्क भी जमा करना पड़ता है।

अब डी-सी¨लग शुल्क से मुक्ति के लिए प्रयास होगा

उद्यमियों को राहत दिलाने के कार्य में लगे पूर्व उपमहापौर महेंद्र आहूजा कहते हैं कि मॉनिट¨रग कमेटी ने मानवीयता के आधार पर जो फैसला किया है, उससे 90 फीसद उद्यमियों को राहत मिली है, लेकिन सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद भी जिनकी फैक्ट्री सील हो गई है, उन्हें राहत दिलाने के लिए प्रयास किया जाएगा। यह प्रयास रहेगा कि उन्हें डी-सी¨लग के लिए मॉनिट¨रग कमेटी को एक लाख रुपये का शुल्क न देना पड़े, क्योंकि इस कार्रवाई से पहले ही उद्यमी बुरी तरह टूट चुके हैं। उन्हें और न तोड़ा जाए।

189 और लोगों को मिला नोटिस

विश्वास नगर में 189 और लोगों को सी¨लग नोटिस मिला है और इन्हें 48 घंटे में जवाब देने के लिए कहा गया है। इसके पहले 1970 लोगों को नोटिस दिया गया था। लघु उद्योग भारती के दीपक गाबा कहते हैं कि इन लोगों का नाम अब सूची में आया है, जिससे इन्हें फैक्ट्री, गोदाम व दुकान खाली करने के लिए कम से कम 15 दिन का समय दिया जाना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने डी-सी¨लग की प्रक्रिया निगम स्तर पर शुरू करने की मांग की, जिससे उद्यमियों को अतिरिक्त शुल्क न देना पड़े।

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