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दिल्ली से शुरू होगा शहरी नक्सलवाद का विरोध, JNU-डीयू के लिए खास तैयारी

एबीवीपी) की तरफ से शहरी नक्सलवाद की सोच को देश भर के विश्वविद्यालयों और डीयू व जेएनयू जैसे संस्थानों से हटाने के लिए काम किया जाएगा।

By Edited By: Updated: Thu, 30 Aug 2018 08:49 AM (IST)
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दिल्ली से शुरू होगा शहरी नक्सलवाद का विरोध, JNU-डीयू के लिए खास तैयारी
नई दिल्ली (राहुल मानव)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की तरफ से दिल्ली विश्वविद्यालय एवं जेएनयू में राष्ट्रवाद एवं शहरी नक्सलवाद के प्रति विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाएगा। इसकी शुरुआत दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव एवं जेएनयू छात्र संघ चुनाव से होने जा रही है। दोनों ही चुनावों मे शहरी नक्सलवाद का विरोध किया जाएगा। साथ ही राष्ट्रवाद का मुद्दा एबीवीपी द्वारा बढ़-चढ़कर उठाया जाएगा।

एबीवीपी के पदाधिकारियों का मानना है कि देश में बीते कुछ दशकों से राष्ट्रवाद पर लगातार चोट की जा रही है, जो गलत है। संगठन की ओर से शहरी नक्सलवाद की सोच को देश भर के विश्वविद्यालयों और डीयू व जेएनयू जैसे संस्थानों से हटाने के लिए काम किया जाएगा। साथ ही डूसू और जेएनयू छात्र संघ चुनाव में विदेशी घुसपैठ का मुद्दा भी उठाया जाएगा।

एबीवीपी के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री श्रीनिवास ने बताया कि देश भर के विश्वविद्यालयों से शहरी नक्सलवाद की पनप रही सोच को खत्म करने के लिए अभियान चलाया जाएगा। डूसू एवं जेएनयूएसयू चुनावों में राष्ट्रवाद, शहरी नक्सलवाद एवं विदेशी घुसपैठ के मुद्दे उठाए जाएंगे। राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का मुद्दा भी हमारे लिए अहम है। जिसकी बात देश के सभी विश्वविद्यालय व शिक्षण संस्थानों में की जाएगी।

डूसू चुनाव के लिए ये रहेगी रणनीति
एबीवीपी ने बीते दस सालों में जो भी काम किए हैं उन्हें विद्यार्थियों के बीच जाकर बताया जाएगा। पिछले साल संगठन की तरफ से सेनेटरी पैड पर जीएसटी हटाने के लिए मैराथन का आयोजन किया गया था। इस तरह की उपलब्धियों को छात्रों से साझा किया जाएगा।

- डीयू के विद्यार्थियों को मेट्रो पास में छूट दिलाई जाएगी। डीटीसी बसों में पास की सुविधा दिलाने पर भी लड़ाई लड़ी जाएगी।

- 24 घटे छात्रों को पुस्तकालय की शुरुआत करने के लिए भी लड़ाई लड़ी जाएगी।

- डूसू चुनाव में 30 हजार से ज्यादा वोट एबीवीपी को ही मिलें इसके लिए डीयू के 51 कॉलेजों के अलग-अलग मुद्दों के लिए अलग से घोषणापत्र भी तैयार किया जाएगा

- डीयू के प्लेसमेंट सेल को दुरुस्त किया जाएगा। पचरें का कम इस्तेमाल करते हुए सोशल मीडिया के जरिये डूसू चुनाव प्रचार किया जाएगा।

जेएनयू छात्र संघ चुनाव के लिए ये है रणनीति
एबीवीपी का मानना है कि जेएनयू छात्र संघ चुनाव में हमेशा से विश्वविद्यालय के मुद्दों से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा होती है। उसका विश्वविद्यालय के विकास से कुछ लेना देना नहीं होता है। एबीवीपी की तरफ से विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के विकास के लिए लड़ाई लड़ी जाएगी। 

बीते दो सालों में एक हजार से ज्यादा वोट
एबीवीपी के उम्मीदवार को मिले हैं। 2016 के छात्र संघ चुनाव में संयुक्त सचिव का पद एबीवीपी ने जीता था। एबीवीपी की कोशिश रहेगी जेएनयू के कई केंद्रों एवं विभागों में ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को संगठन से जोड़ा जाए।

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