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दक्षिणी निगम लगा रहा सफाईकर्मियों की पाठशाला

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्तर पर तैयार होने वाली स्वच्छता रैंकिंग में लंबी छलांग के ि

By JagranEdited By: Updated: Thu, 30 Aug 2018 10:04 PM (IST)
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दक्षिणी निगम लगा रहा सफाईकर्मियों की पाठशाला

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

राष्ट्रीय स्तर पर तैयार होने वाली स्वच्छता रैंकिंग में लंबी छलांग के लिए दक्षिणी दिल्ली नगर निगम सफाई कर्मचारियों की पाठशाला लगा रहा है। इसमें स्रोत पर ही कचरा को अलग-अलग करने का गुर बताने के साथ अन्य जानकारियां दी जा रही हैं। वैसे नगर निगम ने हाल ही में आए स्वच्छता रैंकिंग में चमत्कारी प्रदर्शन किया था। 202 वें स्थान से सीधे 32वें पायदान तक की छलांग लगाई है। अब उसकी कोशिश अंतिम 10 तक में आने की है। इसलिए इस मोर्चे पर सफाई कर्मचारियों को और कारगर बनाने की कोशिश है।

इसी तरह की एक कार्यशाला का आयोजन दक्षिणी जोन में किया गया। इसमें स्वच्छता और इंजीनियरिंग कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया। इसमें दक्षिण और मध्य जोन के कर्मचारियों को अनौपचारिक कूड़ा बीनने वालों का सहयोग लेने, कचरे को स्त्रोत पर ही अलग-अलग करने व घर-घर से कचरा संकलन के बारे में बताया गया, वहीं उपयोगकर्ता शुल्क और भारत स्वच्छता मिशन (एसबीएम) नियमों को लागू करने के आसान व्यावहारिक और परिणामजनक गुर दिए गए, ताकि समूचे काम को सुचारु बनाया जा सके।

प्रतिभागियों को तीन स्टार कचरामुक्त नगर और बेहतर रैंकिंग प्राप्त करने के लिए बेहतर अवधारणा समझाई गई, ताकि वे इसे कार्यरूप दे सकें। मध्य जोन के उपायुक्त रमेश वर्मा व दक्षिण जोन की उपायुक्त निधि श्रीवास्तव तथा अधीक्षण अभियंता (डैम्स) राजीव जैन ने अलग-अलग सत्र में कर्मचारियों को संबोधित किया और कचरामुक्त नगर बनाने तथा नगर में बड़ा बदलाव लाने के लिए स्वच्छता की पहल के समग्र प्रभाव के बारे में बताया।

कर्मचारियों को बताया गया कि औपचारिक काम में अनौपचारिक कचरा बीनने वालों की ओर से सहयोग दिए जाने से निगम के प्रयासों को बल मिलेगा।

घर-घर से कचरे के संकलन के बारे में बताया गया कि इसकी सफलता नियमित रूप से अलग-अलग किए गए कूड़े के संकलन, कचरा संकलन करने वाले वाहनों पर जीपीएस और रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएफआइडी) लगवाने और समुचित निगरानी पर निर्भर करती है।

इसके साथ ही सफाई कर्मचारियों से पार्को और बागों से निकलने वाले कचरे को उसी स्थान पर अलग-अलग करने, सफाई कर्मचारियों को वर्दी, दस्ताने और रेन कोट व अन्य जरूरी उपकरण देने पर भी जोर दिया गया है। रिहायशी, सार्वजनिक और व्यावसायिक इलाकों में निर्धारित निर्देशों के अनुसार सफाई करने की जानी चाहिए।

कचरामुक्त नगर की अवधारणा के अंतर्गत सभी स्तर पर कामयाबी की उम्मीद की जाती है। सड़कों पर, संकलन केंद्रों के बाहर, बरसाती नालों और जलाशयों में कूड़ा कचरा दिखाई नहीं देना चाहिए और ऐसे स्थानों पर जहा आने वाले लोगों की संख्या घटती और बढ़ती रहती है वहा सर्वेक्षण करवाया जाना जरूरी है। मेकेनिकल स्वीपर मशीनों का पूरा इस्तेमाल हो। दोनों उपायुक्तों ने स्वच्छ भारत मिशन के नियमों का विवरण देते हुए कर्मचारियों से कहा कि वे नियमों और उपभोक्ता शुल्क को लागू करें, ताकि प्रत्येक व्यक्ति स्वच्छता में हुए सहयोग को महसूस कर सके।

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