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रेलवे टेंडर घोटाला: राबड़ी देवी व तेजस्वी को बेल, लालू के खिलाफ प्रोडक्‍शन वारंट जारी

रेलवे होटल टेंडर मामले में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत अन्य आरोपी शुक्रवार को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश हुए।

By JP YadavEdited By: Updated: Fri, 31 Aug 2018 02:11 PM (IST)
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रेलवे टेंडर घोटाला: राबड़ी देवी व तेजस्वी को बेल, लालू के खिलाफ प्रोडक्‍शन वारंट जारी

नई दिल्ली/पटना (जेएनएन)। आइआरसीटीसी टेंडर घोटाले में आरोपी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष सीबीआइ कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। इन दोनों के अलावा अन्य आरोपियों को भी शुक्रवार सुनवाई के दौरान सीबीआइ कोर्ट ने जमानत दे दी है। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के अलावा अन्य आरोपियों की जमानत याचिका को केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने कोई विरोध नहीं किया।

वहीं, सीबीआइ की याचिका पर कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को पेश होनेे के लिए प्रोडक्‍शन वारंट जारी किया है। वह चारा घोटाला मामले में इस वक्‍त रांची जेल में सजा काट रहे हैं। वहीं, आरजेडी के प्रवक्‍ता और राज्‍यसभा सांसद मनोज झा इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम कानूनी तरीके से लड़ेंगे और जीतेंगे भी।

शुक्रवार को कोर्ट में पेशी के मद्देनजर बिहार की राजनीति के लिए अहम दिन रहा। कार्यकर्ताओं के साथ राजद नेताओं के जेहन में सवाल था कि तेजस्वी यादव को कोर्ट से जमानत मिलेगी या जेल जाना होगा?, क्योंकि इन दिनों वही मुख्य रूप से राजद को लीड कर रहे हैं। शुक्रवार को कोर्ट से मिली जमानत के बाद राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के अलावा राजद नेताओं ने भी राहत की सांस ली है। 

तेजस्‍वी और राबड़ी देवी को एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत मिली है। गौरतलब है कि तेजस्वी यादव पहली बार कोर्ट में एक आरोपी के रूप में पेश हुए। कोर्ट में पेशी के मद्देनजर राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव बुधवार को ही दिल्ली पहुंच गए थे।

बता दें कि रेलवे टेंडर घोटाले में लालू प्रसाद यादव भी आरोपी हैं और उन्हें भी शुक्रवार को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन मेडिकल ग्राउंट पर उन्हें पेशी से छूट मिली है। हालांकि, शुक्रवार को कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी है। लालू को 6 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होना होगा।

इससे पहले पिछली सुनवाई में सीबीआइ की विशेष कोर्ट ने 30 जुलाई को नोटिस भेजकर राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव समेत अन्य आरोपियों को पेश होने के कहा था। इस मामले में ईडी ने चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दिया है।

यह है पूरा मामला

ये मामला 2004 से 2009 के बीच का है। इस दौरान लालू प्रसाद यादव रेलमंत्री थे। आरोपों के मुताबिक, रेलवे के पुरी और रांची स्थित बीएनआर होटल को रख-रखाव और इम्प्रूवमेंट के लिए आइआरसीटीसी को ट्रांसफर किया था। इसके लिए टेंडर विनय कोचर की कंपनी मेसर्स सुजाता होटल्स को दिया गया। आरोप लगा है कि इसके लिए नियम-कानून को ताक पर रख दिया गया था।

वहीं, लालू यादव परिवार पर आरोप है कि इस टेंडर के एवज में 25 फरवरी 2005 को कोचर ने पटना की बेली रोड स्थित 3 एकड़ जमीन सरला गुप्ता की कंपनी मेसर्स डिलाइट मार्केटिंग कंपनी लिमिटेड (डीएमसीएल) को 1.47 करोड़ रुपए में बेच दी थी। बाजार में उसकी कीमत 1.93 करोड़ रुपये थी। इसे कृषि भूमि बताकर सर्कल रेट से काफी कम पर बेचा गया, स्टाम्प ड्यूटी में गड़बड़ी की गई। बाद में 2010 से 2014 के बीच इस बेनामी संपत्ति को लालू परिवार की कंपनी लारा प्रोजेक्ट को मात्र 65 लाख रुपये में ट्रांसफर कर दिया गया। 

यह था एफआइआर में

एफआइआर के मुताबिक, विनय कोचर ने जिस दिन ज़मीन डीएमसीएल को बेची गई उसी दिन रेलवे बोर्ड ने आईआरसीटीसी को उसे बीएनआर होटल्स सौंपे जाने के अपने फैसले के बारे में बताया। सीबीआई ने लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता के खिलाफ एफआइआर दर्ज की थी।

यहां पर बता दें कि राजद अध्यक्ष व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने भी गुरुवार को रांची की सीबीआई अदालत के समक्ष सरेंडर किया था। वह चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे हैं और उन्‍हें इलाज के लिए कोर्ट ने पेरोल दी थी जो 30 अगस्‍त को खत्‍म हो गई थी।