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दिल्ली पुलिस दे रही अजब जवाब- थानों में चूहे खा लेते हैं जब्त ड्रग्स

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस से कहा कि वह ऐसी नीति बनाए, जिससे ऐसे सामानों को बेचा जा सके या इनका निपटारा किया जा सके।

By JP YadavEdited By: Updated: Fri, 31 Aug 2018 08:52 AM (IST)
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दिल्ली पुलिस दे रही अजब जवाब- थानों में चूहे खा लेते हैं जब्त ड्रग्स

नई दिल्ली (प्रेट्र)। दिल्ली के पुलिस थानों में भरे पड़े जब्त सामानों से संबंधित एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को टिप्पणी की कि मामले जब सुनवाई के लिए आते हैं तो पुलिस अदालतों को बताती है कि ड्रग्स चूहे खा गए। कोर्ट ने सवाल किया कि कई सालों तक जब्त वाहनों का जब कोई दावेदार नहीं आता तो उन्हें बेच क्यों नहीं दिया जाता? जस्टिस मदन बी लोकुर और एस. अब्दुल नजीर की पीठ ने ये टिप्पणियां उस समय की, जब दिल्ली पुलिस ने बताया कि थानों में जगह बनाने के लिए जब्त सामानों को हटाने की नीति चार सप्ताह में बनाई जाएगी।

पीठ ने कहा, ‘एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटांसेज एक्ट) के मामले जब तीन-चार साल सुनवाई के लिए अदालतों में आते हैं तो बताया जाता है कि मालखाने में कुछ (जब्त ड्रग्स) नहीं बचा है। पुलिस कहती है कि चूहे खा गए।’ पीठ ने यह भी कहा कि नारकोटिक्स के मामलों में बाहर से ज्यादा तो मालखाना के अंदर से ड्रग्स की तस्करी होती है। पुलिस थानों में पड़े जब्त वाहनों के बारे में पीठ ने कहा कि इनमें से ज्यादातर गाड़ियां चोरी की होती हैं या उनका इस्तेमाल अपराध करने में हुआ होता है। इसलिए कोई उन पर मालिकाना दावा नहीं करता।

सुप्रीम कोर्ट ने नीति बनाने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस से कहा कि वह ऐसी नीति बनाए, जिससे इन्हें बेचा या इनका निपटारा किया जा सके। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) पिंकी आनंद से पूछा कि क्या जब्त दोपहिया या कारों को थाना ले जाना जरूरी है। इस पर आनंद ने कहा कि पुलिस को ऐसे वाहनों का निपटारा करने के लिए संबंधित अदालतों से अनुमति लेनी होती है।

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