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पहले महिला की जगह भेजा था पुरुष का शव, अब अस्पताल ने किया दूसरा कारनामा

नोएडा फोर्टिस अस्पताल कुछ दिन पहले महिला की जगह पुरुष का शव घर भेजने पर चर्चा में आया था। पहले भी अस्पताल में लापरवाही के कई मामले सामने आ चुके हैं।

By Amit SinghEdited By: Updated: Fri, 31 Aug 2018 03:10 PM (IST)
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पहले महिला की जगह भेजा था पुरुष का शव, अब अस्पताल ने किया दूसरा कारनामा

नोएडा (जेएनएन)। कुछ दिन पहले इलाज के दौरान महिला की मौत के बाद नोएडा के नामी अस्पताल में पुरुष का शव उनके घर भेज दिया था। अस्पताल की ये लापरवाही मीडिया की सुर्खियां बनी थी और अस्पताल की काफी किरकिरी हुई थी। अब इसी अस्पताल का एक और कारनामा सामने आया है। इस बार अस्पताल प्रबंधन ने मानवता ताक पर रख एक बेटे को तीन घंटे तक उसकी मां का शव नहीं सौंपा। परिवार के हंगामा करने पर अस्पताल ने उनसे 15 हजार रुपये और ले लिए। इसके बाद शव सौंपा गया।

हम बात कर रहे हैं नोएडा के सेक्टर-62 स्थित फोर्टिस अस्पताल की। दिल्ली के करोल बाग निवासी दीप कुमार ने बताया उन्होंने अपनी बीमार मां स्वर्णलता (80) को बीते शुक्रवार को दिल का दौरा पड़ने पर नोएडा के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां करीब 6 दिन तक डॉक्टरों ने उनकी मां को आइसीयू में भर्ती रखा। बृहस्पतिवार सुबह 9 बजे उन्हें बताया गया कि उनकी मां की मौत हो चुकी है।

इसके बाद जब वह शव लेने अस्पताल पहुंचे तो अस्पताल प्रशासन की ओर से उन्हें 3 लाख 35 हजार 875 रुपये का बिल थमा दिया गया। अस्पताल की तरफ से कहा गया कि जब तक बाकी के 2 लाख 85 हजार 875 रुपये का बिल नहीं दिया जाएगा, तब तक शव नहीं मिलेगा। दीप का आरोप है उन्होंने एक दिन पहले ही अस्पताल को इलाज में हुए खर्च का पूरा भुगतान कर दिया था। उसके बाद भी उन्हें परेशान किया गया। उन्होंने मरीज को भर्ती करते समय 50 हजार और फिर बुधवार सुबह रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) के जरिए अस्पताल को 2 लाख 70 हजार रुपये का भुगतान कर दिया था।

मृतक के परिजन ने आरोप लगाया जब उन्होंने शव देने की जिद की तो अस्पताल प्रशासन की ओर से पुलिस बुला ली गई। अस्पताल में हंगामा बढ़ने लगा तो आनन-फानन में परिवार से 15 हजार और लेकर शव उन्हें सौंप दिया गया। वहीं हंगामे की सूचना मिलने पर पुलिस भी पहुंची और मामले को शांत कराकर परिजनों को शव ले जाने को कहा।

पहले भी विवादों में रहा अस्पताल

अस्पताल में लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई ऐसे मामले यहां सामने आ चुके हैं। अस्पताल ने एक बार ऑपरेशन के दौरान एक मरीज के पेट में तौलिया छोड़ दिया था। कुछ दिन पहले भी अस्पताल कर्मचारियों की लापरवाही से महिला के शव की जगह उसके परिवार को पुरुष का शव थमा दिया गया था।

तकनीकी वजह से हुई देरी

फोर्टिस अस्पताल के अनुसार कुछ तकनीकी कारणों से कागजी कार्य को पूरा करने में थोड़ी देर हुई, लेकिन शव को जल्द ही परिजनों को सौंप दिया गया था।

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