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लाइफस्टाइल: हर घर में गोकुल की छाप, इंटीरियर पर छाए कान्हा के रंग

पहले जन्माष्टमी पर घरों में केवल कान्हा जी की पालकी व मंदिर सजाया जाता था लेकिन अब ऐसा नहीं रहा। बाल गोपाल के जन्मोत्सव की खुशियां मनाने के लिए लोग घर के हर हिस्से में इस त्योहार का रंग दे रहे हैं।

By Edited By: Updated: Mon, 03 Sep 2018 12:26 PM (IST)
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लाइफस्टाइल: हर घर में गोकुल की छाप, इंटीरियर पर छाए कान्हा के रंग
गुरुग्राम [प्रियंका दुबे मेहता]। घरों में उत्सवों पर पारंपरिक रंग चढ़ने लगते हैं। ऐसे में यह इन दिनों इंटीरियर के क्षेत्र में नया बदलाव देखने को मिल रहा है कि विशेष अवसरों पर घरों में अस्थाई इंटीरियर लोगों की पसंद बन रहा है। जन्माष्टमी के अवसर पर इसका ट्रेंड जोरों पर है। लोग इसके लिए बाकायदा इंटीरियर डेकोरेटर्स का सहारा ले रहे हैं। और अपने घर के एक हिस्से में कान्हा का आशियाना सजा रहे हैं।

अनूठेपन की चाह में डिजाइनर्स का सहारा

एक समय था जब घरों में जन्माष्टमी से पहले ही तैयारियां शुरू हो जाती थीं और घरों को मिनी गोकुल का रूप दिया जाता था। बदलते वक्त में समय की कमी होने से लोग इंटीरियर एक्सप‌र्ट्स से यह काम करवा रहे हैं। इंटीरियर डिजाइनर नीलू राज का कहना है कि अब तक ऐसा होता था कि दिवाली पर ही इंटीरियर बदला जाता था लेकिन बदलते ट्रेंड की चाह में अब लोग जन्माष्टमी पर भी घरों में सजावट को व्यापक रंग दे रहे हैं।

केवल पालकी नहीं, पूरा घर बन रहा है गोकुल

पहले जन्माष्टमी पर घरों में केवल कान्हा जी की पालकी व मंदिर सजाया जाता था लेकिन अब ऐसा नहीं रहा। बाल गोपाल के जन्मोत्सव की खुशियां मनाने के लिए लोग घर के हर हिस्से में इस त्योहार का रंग दे रहे हैं। इसमें मंदिर से लेकर कान्हा की पालकी, गोकुल की गोपियां और कान्हा के दोस्तों के खूबसूरत मिनिएचर्स से घर को पूरी तरह कृष्णमय बनाया जा रहा है।

नया ट्रेंड बन गया है

इंटीरियर डिजाइनर नंदिनी फोगाट कहती हैं कि लोग अब जन्माष्टमी के लिए घरों को अलग तरीके से सजाने की मांग कर रहे हैं। त्योहारों पर घरों को अस्थाई इंटीरियर देना नया ट्रेंड बन गया है। लोग घरों में मंदिरों के पास के एरिया के अलावा ड्रॉइंग रूम और बगीचे के इलाके को भी गोकुल की रंग और रोशनी से सजा रहे हैं। कई जगह मिनिएचर्स तो कई जगह हम इस सजावट के लिए कठपुतलियों का सहारा ले रहे हैं।

बड़ों से लेकर बच्चों तक में क्रेज  

इंटीरियर डिजाइनर हिना अबरोल कहती हैं कि लोगों को हर रोज कुछ नई एक्साइटमेंट चाहिए। कुछ बदलाव चाहिए। यह वक्त की जरूरत बन गया है। जन्माष्टमी पर लोग एक से इंटीरियर से ऊब गए हैं और कुछ नए आइडियाज चाहते हैं, नई तरह की सजावट चाहते हैं। बड़ों से लेकर बच्चों तक में इस तरह के इंटीरियर का क्रेज है। 

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