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जैन मुनि तरुण सागर ने दुनिया को कहा अलविदा

अपने प्रवचनों से अ¨हसा का मार्ग दिखाने वाले 51 वर्षीय जैन मुनि तरुण सागर महाराज ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। कृष्णा नगर स्थित राधेपुरी में जैन मंदिर के पास महाराज ने अपने चातुर्मास स्थल पर शनिवार सुबह 3:1

By JagranEdited By: Updated: Sat, 01 Sep 2018 06:43 PM (IST)
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जैन मुनि तरुण सागर ने दुनिया को कहा अलविदा

फोटो संख्या : 1 डीईएल 201 से 204 दुखद

- शनिवार तड़के 3:18 पर राधेपुरी चातुर्मास स्थल पर ली अंतिम सांस

- भारी बारिश में दिल्ली से मुरादनगर तक निकाली गई अंतिम यात्रा जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली : अपने प्रवचनों से अ¨हसा का मार्ग दिखाने वाले 51 वर्षीय जैन मुनि तरुण सागर महाराज ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। कृष्णा नगर स्थित राधेपुरी में जैन मंदिर के पास महाराज ने अपने चातुर्मास स्थल पर शनिवार तड़के 3:18 बजे देह त्याग दी। महाराज लंबे समय से तेज बुखार और पीलिया से पीड़ित थे। देह त्यागने से एक दिन पहले ही महाराज ने औषधि छोड़ दी थी, वह संथारा लेना चाहते थे लेकिन अन्य जैन मुनियों ने उन्हें ऐसा करने से मना कर दिया। गत शुक्रवार को उन्होंने थोड़ा बहुत आहार लिया था।

महाराज की अंतिम यात्रा सुबह 8 बजे राधेपुरी से शुरू हुई जो शाहदरा, दिलशाद गार्डन होते हुए दोपहर बाद उत्तर प्रदेश के मुरादनगर स्थित जैन आश्रम में समाप्त हुई। महाराज का पार्थिव शरीर उनके ¨सहासन पर रखा था, जिसे लोगों ने अपने कंधों पर उठाया हुआ था। देश के अलग-अलग राज्यों से आए श्रद्धालु व जैन मुनि यात्रा में शामिल हुए। यात्रा में महाराज अमर रहें के नारे गूंज रहे थे। हर किसी की आंखें नम थीं।

यमुनापार में तड़के से ही तेज बारिश हो रही थी, बारिश में ही अंतिम यात्रा निकाली गई। श्रद्धालुओं ने कहा कि महाराज के जाने पर आसमान भी जमकर रोया। यात्रा के कारण जगह-जगह जाम भी लगा।

गत शुक्रवार आधी रात के बाद करीब एक बजे तरुण सागर का स्वास्थ्य काफी बिगड़ गया था। वह डॉक्टरों की देखरेख में थे लेकिन उन्होंने पहले ही इच्छा जाहिर कर दी थी कि वह किसी भी प्रकार औषधि नहीं लेंगे और अंत में तड़के 3.18 बजे उन्होंने देह त्याग दिया। तरुण क्रांति मंच की महत्वपूर्ण बैठक में यह फैसला लिया गया कि महाराज का अंतिम संस्कार मुरादनगर के तरुण सागरम तीर्थ में होगा। बता दें कि महाराज ने हरियाणा विधानसभा व लाल किला के मंच से भी प्रवचन दिए हैं।

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राधेपुरी में किया जीवन का अंतिम चातुर्मास

जैन मुनि तरुण सागर ने अपने जीवन का अंतिम चातुर्मास राधेपुरी में जैन मंदिर के पास बने जैन समुदाय के घर में किया। उनका गत 27 जुलाई से राधेपुरी में चातुर्मास चल रहा था। गत 13 अगस्त को उनके स्वास्थ्य का हाल चाल लेने के लिए योग गुरु बाबा रामदेव भी पहुंचे थे। गत वर्ष तरुण सागर ने राजस्थान के सीकर में चातुर्मास किया था। इसी चातुर्मास के दौरान उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी थी।

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अस्पताल में कई दिनों तक रहे भर्ती

राधेपुरी में चातुर्मास के बीच महाराज की तबीयत ज्यादा बिगड़ने के कारण उन्हें श्रद्धालुओं ने वैशाली के मैक्स अस्पताल में भर्ती करवाया। वे करीब 15 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे। हालात में कोई सुधार न होने के कारण पुन: राधेपुरी चातुर्मास स्थल पर 30 अगस्त को ले आया गया। 31 अगस्त को उन्होंने खाना पीना छोड़ दिया था। जब यह सूचना अन्य जैन मुनियों को लगी तो वे राधेपुरी पहुंचे और उन्होंने तरुण सागर को समझाया कि समाज को उनकी जरूरत है। वह इस तरह का फैसला अभी न लें। जैन मुनियों के समझाने पर उन्होंने थोड़ा आहार ग्रहण किया था।

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