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जैन समुदाय में शोक की लहर

जैन मुनि तरुण सागर महाराज के देह त्यागने की खबर सुनते ही यमुनापार में शौक की लहर दौड़ पड़ी। जैन समुदाय के लोग और महाराज के अनुयायी गमगीन हो गए। कृष्णा नगर स्थित राधेपुरी में जिस भवन में महाराज चातुर्मास कर रहे थे, उस भवन के बाहर शुक्रवार रात भर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं का हुजूम जमा रहा। हर कोई एक बार महाराज का दर्शन करना चाहता था। जब देर रात को लोगों को महाराज के देह त्यागने की सूचना दी गई तो लोग फूट फूटकर रोने लगे। बहुत से लोगों ने खाना नहीं खाया। इ

By JagranEdited By: Updated: Sat, 01 Sep 2018 07:43 PM (IST)
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जैन समुदाय में शोक की लहर

फोटो संख्या : 1 ईएनडी 401 से 404 तक - जैन मुनि तरुण सागर के देह त्यागने की सूचना पर रो पड़े अुनयायी

- कृष्णा नगर स्थित राधेपुरी में रातभर जमे रहे श्रद्धालु, नहीं खाया खाना जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली : जैन मुनि तरुण सागर महाराज के देह त्यागने की खबर सुनते ही यमुनापार में शौक की लहर दौड़ पड़ी। जैन समुदाय के लोग और महाराज के अनुयायी गमगीन हो गए। कृष्णा नगर स्थित राधेपुरी में जिस भवन में महाराज चातुर्मास कर रहे थे, उस भवन के बाहर शुक्रवार रातभर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं का हुजूम जमा रहा। हर कोई एक बार महाराज का दर्शन करना चाहता था। जब तड़के सुबह तरुण सागर के देह त्यागने की सूचना दी गई तो लोग फूट-फूटकर रो पड़े। बहुत से लोगों ने खाना नहीं खाया।

इससे पहले तरुण सागर के बेहतर स्वास्थ्य की कामना के लिए मंदिरों में विशेष प्रार्थना की गई। जैन समुदाय के लोगों का कहना है कि महाराज ने समाज को अ¨हसा का मार्ग दिखाया है, वह कर्म करने में विश्वास रखते थे। उनका इस दुनिया से चले जाना समाज के लिए बहुत बड़ी क्षति है।

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महाराज के द्वारा दिखाए मार्ग से ही मैं राजनीति में सफल हो सका हूं। महाराज अ¨हसा की बात करते थे। महाराज ने लोगों को बताया कि किस तरह से लोगों की सहायता की जाती है।

निर्मल जैन, नेता सदन, पूर्वी दिल्ली नगर निगम।

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महाराज ने देश व समाज को जीवन पर्यत नई दिशा देने का प्रयास किया है। इस युग के वे ऐसे क्रांतिकारी राष्ट्र संत थे, जिनके प्रयासों से जैन समाज को विश्व स्तरीय पहचान मिली। उनके दिखाए सत्य का मार्ग युगों-युगों तक समाज के हर वर्ग को प्रेरणा देता रहेगा।

- विपिन जैन, भाजपा नेता।

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एक ऐसे संत जिन्होंने अपनी शैली से जैन धर्म को जन-जन जन तक पहुंचाया। कड़वी दवाई दी और जीवन की दैनिक घटनाओं को निडरतापूर्वक समझाया, ऐसे संत का इस दुनिया से जाना देश के लिए बहुत बड़ी क्षति है।

अशोक जैन, अध्यक्ष तरुण मित्र परिषद, लक्ष्मी नगर।

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महाराज अपने प्रवचनों से लोगों को जगाने का काम करते थे। उन्होंने जो दिशा लोगों को दिखाई है, अगर कोई व्यक्ति उनपर अमल करे तो वह सफल जरूर होगा।

प्रदीप जैन, कड़कड़डूमा।

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