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रसोई का चाकू भी है घातक हथियार, हो सकता है गंभीर नुकसान: हाई कोर्ट

न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ ने कहा कि रसोई में इस्तेमाल होने वाले चाकू से अगर शरीर के अहम हिस्सों पर हमला हो तो नुकसान गंभीर हो सकता है।

By Edited By: Updated: Sat, 01 Sep 2018 08:59 PM (IST)
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रसोई का चाकू भी है घातक हथियार, हो सकता है गंभीर नुकसान: हाई कोर्ट

नई दिल्ली [जेएनएन]। पत्‍‌नी की हत्या के प्रयास के लिए पति को दोषी करार देते हुए हाई कोर्ट ने रसोईघर के चाकू को घातक हथियार कहा। पीठ ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए दोषी पति को सात साल कारावास और एक लाख रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। निचली अदालत के फैसले के खिलाफ पति ने हाई कोर्ट में अपील की थी। वहीं पत्‍‌नी ने भी अपील दायर कर हत्या के प्रयास के लिए सजा दिए जाने की मांग की थी।

घातक हथियार है रसोई वाला चाकू 

दो अलग-अलग अपील पर फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ ने कहा कि रसोई में इस्तेमाल होने वाले चाकू से अगर शरीर के अहम हिस्सों पर हमला हो तो नुकसान गंभीर हो सकता है। पीड़ित नेमवती के गले में गहरे जख्म आए। इससे साफ है कि रसोई वाला चाकू असल में कितना घातक हथियार है। पति राकेश का इरादा हत्या का न होने के निचली अदालत के तर्क को भी हाई कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा है इतने गहरे जख्म और उनसे बहते हुए खून के साथ पीड़ित को अकेला छोड़ जाना, सिलबट्टे से उसके सिर पर वार कर बेहोश कर देना और उसके बाद घर का ताला लगाकर वहां से चले जाना हत्या की कोशिश के आरोप को सिद्ध करता है।

पत्नी पर किया था जानलेवा हमला 

बता दें कि नौ फरवरी 2014 को राकेश ने अपनी पत्नी पर जानलेवा हमला किया था और उसे घर में बंद कर भाग गया था। पत्‍‌नी नेमवती की शिकायत पर राकेश के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। दोषी राकेश को 2015 में निचली अदालत ने पत्‍‌नी पर हमला करने और गलत तरीके से उसे रोक कर रखे जाने के अपराध में पाच साल कैद की सजा सुनाई थी, जबकि पति को हत्या की कोशिश का दोषी न माने जाने को लेकर पत्‍‌नी नेमवती को आपत्ति थी।

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