ये जो दिल्ली है: भीगे मौसम में जंतर-मंतर पर लोकतंत्र की खिलखिलाहट
नेमिष हेमंत, नई दिल्ली जंतर-मंतर की सड़क के दोनों ओर की हरियाली मन को अपनी ओर आक
नेमिष हेमंत, नई दिल्ली
जंतर-मंतर की सड़क के दोनों ओर की हरियाली मन को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। सुबह की झमाझम बारिश में खूब नहाई पत्तियों का रंग चटख हो गया है। साथ ही पत्तियों पर बारिश की बूंदें मन मोह रहीं हैं। पक्षियों की चहचहाहट फिजा में मधुर संगीत घोल रहे हैं। लुटियन दिल्ली की बाकि सड़कों से इतर ये सड़क थोड़ी शांत ही रहती है। बस, जब संसद सत्र चल रहा होता है तब यहां कोलाहल ज्यादा रहता है। एनजीटी ने यहां पर प्रदर्शन करने पर विराम लगा दिया था। तब पूरे देश के लोकतंत्र के प्रहरियों में एक उदासी सी छा गई थी। आखिरकार ये बहसों, विचारों और मांगों का सशक्त सार्वजनिक मंच जो था। हालांकि, फिर न्यायालय के ही एक फैसले से अब इसपर चहल-पहल लौटने लगी है।
अशोक रोड से जब जंतर-मंतर रोड की ओर मुड़ते हैं तो थोड़ा आगे दायीं ओर केरल भवन है। गेट के बाहर कुछ वाहन खड़े हैं, जो राहत सामग्री से भरे हैं। इसे दिल्ली के लोगों ने बाढ़ की विभीषिका झेल रहे केरल के लोगों की मदद के लिए भेजे हैं। केरल भवन से राज्य के मुख्यमंत्री का कटआउट हाथ हिलाते हुए बाहर झांक रहा है। आगे फिर खाली सड़क। थोड़ा आगे दायीं ओर मेट्रो स्टेशन जाने के बंद रास्ते के नजदीक वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) को लेकर प्रदर्शन करते पूर्व सैनिक दिखते हैं। एक बुजुर्ग कुर्सी पर बाकि फुटपाथ पर बैठे हैं। आधा दर्जन के करीब प्रदर्शनकारियों में कुछ महिलाएं भी हैं। भीगे मौसम में इनके बीच चाय की चुस्कियों पर चर्चा चल रही है।
सड़क का थोड़ी दूर का फासला फिर खामोशी ओढ़ लेता है तो आगे संसद मार्ग जाने वाले रास्ते के बगल की फुटपाथ पर कुछ दुकानों पर चहल-पहल ज्यादा है। डोसा, बड़ा, उत्पम और अन्य खाने-पीने की चीजों की दुकानों वाला यह हिस्सा बराबर लोगों से भरा ही रहता है। सामने सड़क पर एक कतार में वाहन खड़े हैं तो सड़क की दूसरी ओर जनता दल यूनाइटेड कार्यालय का बोर्ड दिखता है। गेट तो खुला है, लेकिन इक्का-दुक्का ही लोग आ जा रहे हैं। चौड़ी सड़क के दोनों ओर कुछ चीजें पहले जैसी यथावत है। जैसे चाय की दुकान। उसके आस-पास कुछ फोटोग्राफरों का जमावाड़ा। फुटपाथ पर ही जमा चार लोग एक ओर आंदोलन चला रहे हैं। एक दुकान से चाय के उबाल की खुशबू के साथ ब्रेड आमलेट की भी महक आ रही है तो टॉलस्टाय रोड पर जहां जंतर-मंतर विलय करती है। उसके बीच में अब भी बोर्ड लगा है, जिसपर लिखा है यहां धरना, विरोध-प्रदर्शन, आंदोलन और जनसमूहों का एकत्रित होना निषेध है।