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दूसरों की संपत्ति सील करने वाले निगम का स्टोर सील, कर्मचारी हो रहे हैं परेशान

डीडीए का कहना है कि 2015 से ही निगम को जमीन खाली करने के लिए कहा जा रहा था लेकिन वह नहीं सुन रहा था इसलिए सीलिंग की कार्रवाई करनी पड़ी।

By Edited By: Updated: Mon, 03 Sep 2018 01:00 AM (IST)
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दूसरों की संपत्ति सील करने वाले निगम का स्टोर सील, कर्मचारी हो रहे हैं परेशान
नई दिल्ली [रितु राणा]। अभी तक आपने यही सुना होगा कि निगम ने संपत्ति सील कर दी है लेकिन संभवत: पहली बार ऐसा हुआ है कि निगम के कार्यालय को ही सील कर दिया गया है। यह कार्रवाई डीडीए (दिल्ली विकास प्राधिकरण) ने अशोक नगर के एलआइजी फ्लैट्स स्थित निगम के कार्यालय के खिलाफ की है, जिसका इस्तेमाल स्टोर के लिए किया जा रहा था।

करनी पड़ी सीलिंग की कार्रवाई

डीडीए का कहना है कि 2015 से ही निगम को जमीन खाली करने के लिए कहा जा रहा था लेकिन वह नहीं सुन रहा था इसलिए सीलिंग की कार्रवाई करनी पड़ी। उधर, निगम के पार्षद से लेकर उपायुक्त तक अनजान हैं कि यह सीलिंग की कार्रवाई क्यों की गई है।

कर्मचारी यहीं दर्ज कराते थे उपस्थिति

बता दें कि अशोक नगर स्थित निगम के इसी कार्यालय में जूनियर इंजीनियर और क्षेत्र के सफाई कर्मचारी बैठ रहे थे। इसमें जेसीबी मशीन सहित अन्य उपकरण भी रखे हुए हैं। कर्मचारी अपनी उपस्थिति पंचिंग मशीन पर इसी कार्यालय में दर्ज कराते थे लेकिन 25 अगस्त को डीडीए ने स्टोर के गेट के बाहर ताला लगाकर इसे सील कर दिया।

सफाई कर्मचारियों को हो रही है दिक्कत

स्टोर सील किए जाने के कारण सफाई कर्मचारियों को काफी दिक्कत हो रही है क्योंकि सफाई का सारा सामान स्टोर के अंदर ही पड़ा हुआ है। जिसमें मलबा उठाने वाली तीन गाड़ियां, दो-तीन रिक्शे, एक ट्रैक्टर व एक मलबा उठाने वाली जेसीबी है। निगम अधिकारी इस सीलिंग से हैरान हैं। उनका कहना है कि एक सरकारी विभाग की जगह को कोई कैसे सील कर सकता है, यह उनकी समझ से बाहर है।

प्रतिक्रिया

सफाई व्यवस्था ठप

20-25 वर्षों पूर्व डीडीए ने देखरेख के लिए यह जमीन निगम को सौंप दी थी। इस पर निगम ने अपने सफाई कर्मचारियों के लिए एक स्टोर बना लिया था लेकिन डीडीए और निगम की लड़ाई के चलते डीडीए ने इसे सील कर दिया है जिसका कारण हमें भी नहीं पता। इन सबके बीच जनता परेशान हो रही है। वार्ड में सफाई व्यवस्था ठप हो चुकी है। - पार्षद रीना महेश्वरी

अधिकारियों से इस विषय में बात करूंगा

मुझे इस बात को जानकर आश्चर्य हुआ कि एक सरकारी विभाग ने दूसरे सरकारी विभाग की जगह ही सील कर दी है। मुझे डीडीए द्वारा निगम की इस जगह को सील करने का कारण नहीं पता। मैं अपने अधिकारियों से इस विषय में बात करूंगा। - दीपक शिंदे, निगम उपायुक्त

जमीन डीडीए की है

यह जमीन डीडीए की है। विभाग की तरफ से निगम को 2015 से ही इस जमीन को खाली करने के लिए नोटिस भेज रहे हैं। कुछ समय पहले हमने यहां ताला भी लगाया था जिसे इन लोगों ने तोड़ दिया इसलिए हमने इसे सील कर दिया है। - फारूखी, डीडीए अधिकारी

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