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सीबीसीएस को जल्दबाजी में किया जा रहा लागू

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में इसी सत्र से स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) को लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है। वहीं, कार्यकारी परिषद (ईसी) और अकादमिक परिषद (एसी) के सदस्यों ने इस पर एतराज जताया है।

By JagranEdited By: Updated: Sun, 02 Sep 2018 08:11 PM (IST)
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सीबीसीएस को जल्दबाजी में किया जा रहा लागू

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में इसी सत्र से स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) को लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है। वहीं, कार्यकारी परिषद (ईसी) और अकादमिक परिषद (एसी) के सदस्यों ने इस पर एतराज जताया है।

उनका कहना है कि सीबीसीएस को लागू करने में जल्दबाजी की जा रही है। शिक्षक संगठन अकादमिक फॉर एक्शन एंड डेवलपमेंट (एएडी) के ईसी और एसी के सदस्यों ने इसके विरोध में डीयू के कुलपति प्रो. योगेश त्यागी को पत्र लिखा है।

कार्यकारी परिषद के सदस्य राजेश झा ने कहा कि बीते एक हफ्ते में अकादमिक मामलों पर स्थायी समिति की बैठक हुई, जिसमें स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रमों में सीबीसीएस को लागू करने की मंजूरी दी गई है। हमारी आपत्ति इस बात पर है कि शैक्षणिक सत्र 2018-19 शुरू हो चुका है। सीबीसीएस आधारित पाठ्यक्रमों को बीच में शुरू करना सही नहीं है। 21 जुलाई से कई पाठ्यक्रमों की पढ़ाई शुरू हो चुकी है। पिछले 40 दिन से विद्यार्थियों ने पुराने पाठ्यक्रम के आधार पर ही पढ़ाई की है। अब बीच में सीबीसीएस के तहत स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रमों के सिलेबस को तैयार कर उसे लागू किया जाता है तो इससे छात्रों को काफी दिक्कतें होंगी।

उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया को शुरू करने के लिए पूरी प्रक्रिया पारदर्शी नहीं थी। शिक्षकों व हितधारकों के साथ विचार-विमर्श नहीं किया गया और जल्दबाजी में स्थायी समिति की बैठक में स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रमों को सीबीसीएस के अनुरूप लागू करने का फैसला कर दिया।

सदस्यों ने कुलपति को पत्र लिखकर इस अकादमिक सत्र से पीजी स्तर पर सीबीसीएस को लागू करने के फैसले की समीक्षा करने को कहा है।

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