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सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को कैसे मजबूत करेगी सरकार, सात डिपो को है बसों का इंतजार

दो वर्ष के भीतर करोड़ों रुपये खर्च कर राजधानी के विभिन्न इलाकों में सात नए बस डिपो तो बनाए गए, लेकिन अभी तक इन डिपो से बसों का परिचालन पूरी तरह शुरू नहीं हो पाया है।

By Edited By: Updated: Mon, 03 Sep 2018 09:00 AM (IST)
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सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को कैसे मजबूत करेगी सरकार, सात डिपो को है बसों का इंतजार
नई दिल्ली [भगवान झा]। दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार के साढ़े तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ किए जाने को लेकर कोई ठोस उपाय नहीं किए गए। दो वर्ष के भीतर करोड़ों रुपये खर्च कर राजधानी के विभिन्न इलाकों में सात नए बस डिपो तो बनाए गए, लेकिन अभी तक इन डिपो से बसों का परिचालन पूरी तरह शुरू नहीं हो पाया है।

सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत मिली जानकारी के मुताबिक, खड़खड़ी नाहर बस डिपो का निर्माण जून 2018, द्वारका सेक्टर-22 डिपो का निर्माण अक्टूबर 2017, दिचांऊ कलां-2 डिपो का काम नवंबर 2016, बवाना सेक्टर-1 डिपो का निर्माण मई 2017 में पूरा हो गया। वहीं, रानी खेड़ा डिपो-1 का निर्माण सितंबर-2017, रानी खेड़ा डिपो-2 का निर्माण नवंबर 2017, रानी खेड़ा डिपो-3 का निर्माण नवंबर 2017 में पूरा हो गया। इसके अलावा रेवला खानपुर डिपो का निर्माण कार्य जून 2018 में पूरा हो चुका है।

लापरवाह दिख रही है सरकार 

इतनी व्यवस्थाएं होने के बाद भी सिर्फ दिचाऊं बस डिपो-2 से क्लस्टर बस सेवा का परिचालन शुरू किया गया। इसी तरह बिंदापुर में भी वर्षों पहले बस टर्मिनल बनाया गया था। लोगों को उम्मीद थी कि सार्वजनिक परिवहन की व्यवस्था सुदृढ़ होगी, लेकिन बसों की कमी के कारण डिपो से बसों का परिचालन संभव नहीं हो पाया है। यानी, डिपो के निर्माण को लेकर योजना तो बना दी गई, लेकिन यहां से बसों का परिचालन कैसे हो, इसे लेकर सरकार लापरवाह दिख रही है।

बस डिपो के निर्माण पर एक नजर
जगह कुल क्षेत्र लागत

खड़खड़ी नाहर 5 एकड़ 14.51 करोड़
द्वारका सेक्टर-22 10 एकड़ 25.42 करोड़
बवाना सेक्टर-1 3.75 एकड़ 11.09 करोड़
रेवला खानपुर 4 एकड़ 12.35 करोड़
रानी खेड़ा डिपो-1 6.67 एकड़ 14.96 करोड़
रानी खेड़ा डिपो-2 6.67 एकड़ 14.96 करोड़
रानी खेड़ा डिपो-3 6.67 एकड़ 14.96 करोड़

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